ब्रिटेन में फैले कोरोना के आगे क्या बेअसर होगी वैक्सीन?
वैक्सीन कार्यक्रम के बीच ब्रिटेन में फिर तेज़ी से फैल रहा है नया कोविड वायरस
ब्रिटेन में इन दिनों
कोरोना से बचाव के लिए लोगों को वैक्सीन दिया जा रहा है। इसके लिए विशेष अभियान भी
चलाया जा रहा है। फिर भी ब्रिटेन की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। यह देश
पहले से ही कोरोना की चपेट में है। टीकाकरण के बीच कोरोना का नया घातक रूप सामने आया
है। वायरस के नए अवतार के बारे में बताया जा
रहा है कि ये तेज़ी से फैलने और बढ़ने वाला है। बीते सोमवार को भारत सरकार ने वहां
से आने वाली सभी उड़ानों को 31 दिसंबर तक यूके से आने या जाने पर रोक लगा दिया है।
भारत से पहले ही कई देशों ने यूके की उड़ानों को रद कर दिया था। दक्षिणी और पूर्व
इंग्लैंड में कोरोना के केस तेजी से बढ़े हैं।
यूके के
स्वास्थ्य विभाग ने बीते 14 दिसंबर को बताया था कि कोरोना का नया वैरिएंट सामने आ चुका
है। इस बाबत विश्व स्वास्थ्य संगठन को बताया जा चुका है। 13 दिसंबर तक इस नए
वैरिएंट के 1108 केस दर्ज किए जा चुके थे। नए वैरिएंट को लेकर बड़े पैमाने पर रिसर्च
किए जा रहे हैं, ताकि इसका उपचार ढूंढा जा
सके।
कैसा है कोविड का
नया वैरिएंट?
डीएनए के जीनोम
के बारे में स्टडी करने वाले इंग्लैंड के विभाग ने इस नए स्ट्रेन को खोजा। यह नया
वैरिएंट सबसे पहले दक्षिण पूर्व इंग्लैंड में सितंबर में प्रभावी हुआ था। इस इलाके
में तबसे यही स्ट्रेन ज़्यादातर कोविड मामलों की वजह रहा। डेनमार्क, नीदरलैंड्स और बेल्जियम में भी यह स्ट्रेन देखा गया।
यूके के मुख्य
वैज्ञानिक सलाहकार पैट्रिक वॉलैंस कहते हैं कि इसकी शुरुआत यूके से हुई। इस वजह से अस्पताल में बड़ी
संख्या में मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। यह स्ट्रेन D614G म्यूटेशन का नतीजा है। वायरोलॉजिस्टों के अनुसार इस म्यूटेशन की एक ही जाति
दुनिया भर में फैली। यह वायरस बेशुमार म्यूटेशन कर सकता है। नया वैरिएंट यूके के
अलावा दक्षिण अफ्रीका में भी मिला। उसे 501Y।V2 कहा जा रहा है।
कैम्ब्रिज में
क्लीनिकल माइक्रोबायोलॉजी के डॉ. रवि गुप्ता और यूके के जीनोमिक्स एक्सपर्ट निक
लोमान समेत कई विशेषज्ञ इस नए वैरिएंट से जुड़े अध्ययनों में जुटे हैं। वायरस मेड
प्रोटीन में बदलाव की वजह से नए वैरिएंट में 23 जेनेटिक बदलाव दिखे हैं। यह उम्मीद
से ज़्यादा म्यूटेशन की स्थिति है।