एण्डटीवी लेकर आया है येशु की अनकही कहानी, हिंदी चैनल पर पहली बार अनसुनी कहानी
डाॅ. दिलीप सिंह
इंदौर। आज के चुनौतीपूर्ण समय में जहां लोग बहुत अधिक निराश है वहीं दूसरी ओर, करुणा, दया, उम्मीद, प्रेम और माफी-मानवता के गुणों का आधार हमें इस मुश्किल समय से उभरने में मदद करेगा। एक ऐसी ही आइकानिक कहानी है येशु की जहां अच्छाई हमेशा बुराई से ऊपर होती है और दया सभी दोषो से परे होती है। कई विभिन्न और अलग घटनाक्रम कहानियों जैसे हप्पू की उलटन-पलटन, गुड़िया हमारी सभी पे भारी, संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं और सबसे बड़े हिट शो, एक महानायक डॉ बी आर आम्बेडकर को सफलतापूर्वक प्रस्तुत करने के बाद, एण्डटीवी पहली बार पूरे उत्साह के साथ हिंदी जनरल एंटरटेनमेंट चैनल के क्षेत्र में ह्यह्ययेशुह्यह्य की अनकही कहानी प्रस्तुत कर रहा है।
इस शो में कई शानदार कलाकारों ने अभिनय किया है। विवान शाह, युवा येशु की भूमिका निभा रहें हैं, तो सोनाली निकम, मेरी के रूप में नजर आयेंगी। आर्या धर्मचंद जोसफ, दर्पण श्रीवास्तव राजा हेरोड और रुद्र सोनी हेरोड एंटिपस के किरदार में नजर आयेंगे। अरविंद बब्बल प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित इस शो का प्रीमियर एण्डटीवी पर 22 दिसंबर 2020 को रात 8रू00 बजे होगा और इसका प्रसारण हर सोमवार से शुक्रवार किया जायेगा
येशु विशेष रूप से एक परोपकारी बच्चे की कहानी है जो सिर्फ अच्छाई करना चाहता है और अपने आसपास खुशियां फैलाता है। सभी के लिए उनका प्यार और करुणा उन बुरी, शैतानी शक्तियों से बिल्कुल विपरीत हैं, जो उनके पूरी जिंदगी के दौरान मौजूद थीं। अपने परिवार और समाज पर होने वाले अत्याचारों ने उन्हें काफी प्रभावित किया। दूसरों की मदद करने और उनके दर्द को कम करने की कोशिश अक्सर उन्हें उस राह पर ले जाती जहां वह निश्चित रूप से आहत होते है और न सिर्फ उत्पीड़कों बल्कि एक बड़ी संख्या में लोगों द्वारा भी उनकी निंदा की जाती है। लेकिन आखिरकार ये चीजें भी उन्हें उनके रास्ते पर चलने से नहीं रोक पाईं।
एक गौशाला और भक्तिभाव वाले धार्मिक परिवार में जन्म लेने वाले, येशु को बढ़ती उम्र में आध्यात्म और धर्म के बारे में गहरा ज्ञान और समझ थी। येशु की मुख्य धारणा एक आकार लेती है। वे इस बात पर जोर देते हैं कि प्रेम, दया, क्षमा और शांति जिंदगी जीने के सही तरीके हैं। हालांकि उनके पास कुछ चमत्कारी शक्तियां होती हैं जिससे वह पूरी तरह से अनजान है। बचपन से ही, पालन पोषण और जिंदगी के प्रति उनके उद्देश्य को समझाने के लिए उनकी मां द्वारा उनका मार्गदर्शन किया जाता है। इस नई पेशकश के बारे में बात करते हुए, एण्डटीवी के बिजनेस हेड, विष्णु शंकर ने कहा, हमने हमेशा दिलचस्प और अनोखे किरदारों को प्रस्तुत किया है और उसमें सफलता पाई है, जैसे भाबी, दरोगा हप्पू सिंह, गुड़िया और हाल ही में भारतीय संविधान के जनक डॉ.बी.आर.आम्बेडकर।
असाधारण रूप से आज हम अपना एक और शो लॉन्च करने के लिए बिलकुल तैयार है जिसका टाइटल ह्ययेशुह्य है। हम एण्डटीवी पर एक ऐसे ही दयालु और परोपकारी बच्चे की कहानी लेकर आ रहे है, जिसमें बच्चे का नाम येशु है जो सभी में प्रेम और खुशियां फैलाना चाहता है और हमेशा दूसरो को आगे रखता है। जबकि यह सबसे आइकानिक कहानियों में से एक है, लेकिन ये पहली बार है जब हिंदी के जनरल एंटरटेनमेंट चैनल में इस अनकही और अनसुनी कहानी को दशार्या जाएगा। यह कहानी पूरी दुनिया में और हर उम्र के व्यक्ति को खुद से जोड़ती है और हमें ये विश्वास है कि ह्ययेशुह्य हमारे सभी दर्शकों में सकारात्मकता उजागर करेगा।
अरविन्द बब्बल, निमार्ता और सीरीज निर्देशक, अरविन्द बब्बल प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने कहा, यह जो महामारी चल रही है इसने हर किसी की जिंदगी पर गहरा प्रभाव डाला है, उन्हें व्यथित और असहाय छोड़ दिया है। येशु के द्वारा हमारा मकसद है कि हम अपने दर्शकों के मन में दया, खुशियां और सकारात्मकता फैलाएं। यह शो दर्शकों के लिए एक देखनेलायक प्रस्तुति होगी क्योंकि ऐसी कहानी इससे पहले कभी नहीं देखी गई और पहली बार हिंदी के जनरल एंटरटेनमेंट चैनल में एण्डटीवी एक दिलचस्प कहानी और शानदार कलाकारों के साथ आ रहा है। यह उम्मीद, निस्वार्थ, सहानुभूति, प्रेम, करुणा, क्षमा और उदारता और दया का संदेश देता है।
यह सब मानवता के महत्वपूर्ण गुण होते हैं। यह शो मानवता के महत्वपूर्ण पहलू को उजागर करेगा और लोगों को येशु नाम के युवा, दयालु और परोपकारी बच्चे की कहानी के माध्यम से जिन्दगी में सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करेगा। इस कहानी में दिलों को जीतने की क्षमता है क्योंकि यह एक एक नई अवधारणा है जोकि सभी उम्र के दर्शकों और जातियों को खुद से जोड़ता है। मुझे इस बात का पूरा विश्वास है कि दर्शक इस शो से कुछ न कुछ जरूर सीखेंगे और मुझे इस बात का बहुत गर्व है कि एण्ड टीवी के साथ मिलकर हमारे उत्सुक दर्शकों के लिए येशु जैसा शो लेकर आ रहे हैं।