काशी में देव दीपावली का नयनाभिराम नजारा देखेंगे पीएम नरेंद्र मोदी
० कोरोना संकटकाल में पहली मर्तबा
धूमधाम से कोई बड़ा पर्व मनाएगी काशी
० कार्यक्रम को भव्य रूप देने के लिए बड़े पैमाने पर की जा रही तैयारियां
वाराणसी। विश्व विख्यात बनारस की देव दीपावली इस
बार अनूठी होगी। कोरोना संकट के दौर में बनारस का यह पर्व पहली मर्तबा धूम-धाम से मनाया
जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देव दीपावली का नयनाभिराम नजारा देखने काशी आ
रहे हैं। मान्यता है कि देव दीपावली देखने के लिए हर साल कोटि-कोटि देवता काशी आते
हैं।
काशी की देव दीपावली में
पहली मर्तबा कई नए आयाम जुड़ेंगे। मोदी पहले प्रधानमंत्री होंगे जो देव दीपावली
में शामिल होंगे। वह रात में करीब एक घंटे तक गंगा में गुजारेंगे। पीएम राजघाट से
संत रविदास घाट की ओर जाएंगे तो चेतसिंह घाट के सामने उनकी नाव रुकेगी। यहां करीब 10 मिनट रुककर लेजर
शो देखेंगे।
देव दीपावली पर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
तैयारियों की समीक्षा के बाद कहा कि इस बार काशी की देव दीपावली भव्य होगी। धार्मिक
और सांस्कृतिक महत्व वाले इस पर्व पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति देव दीपावली
में चार-चांद लगाएगी। कार्यक्रम को भव्य रूप देने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां
की जा रही हैं। प्रदेश सरकार कोई कमी नहीं छोड़ेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी के दौरे को लेकर काशी में सतर्कता बढ़ा दी गई है। राजघाट, खजुरी और सारनाथ
का पर्यटन स्थल अब एसपीजी के अधिकारियों की निगरानी में है। इससे पहले एसपीजी के
अधिकारियों ने बाबतपुर एयरपोर्ट, डोमरी, राजघाट, खजुरी और सारनाथ में जिला पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों
के साथ एडवांस सिक्योरिटी लायजनिंग (एएसएल) बैठक की। अधिकारियों ने कहा कि
प्रधानमंत्री के दौरे के चलते आमजन को असुविधा नहीं होनी चाहिए।
देव दीपावली के दिन पीएम
मोदी बनारस के खजूरी में करीब 10 हजार लोगों की मौजूदगी में जनसभा को संबोधित करेंगे। बाद में
राजघाट में दीपोत्सव के बाद लोगों से संवाद करेंगे। दोनों कार्यक्रमों को सोशल
मीडिया के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा। पीएम करीब 50 किलोमीटर सड़क
मार्ग से यात्रा करेंगे। प्रधानमंत्री 30 नवंबर को बाबतपुर एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर से सीधे खजूरी
स्थित हेलीपैड पहुंचेंगे।
यहां नेशनल हाईवे-19 हंडिया से
राजातालाब खंड के सिक्सलेन परियोजना का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद वहां मौजूद
लोगों को संबोधित करेंगे। पीएम का हेलीकॉप्टर डोमरी हेलीपैड पहुंचेगा और वहां से
सीधे वह काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पहुंचकर करीब आधे घंटे निरीक्षण करेंगे। राजघाट पर
दीपोत्सव और सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद पीएम देव दीपावली पर घाटों पर मौजूद
लोगों को संबोधित करेंगे।
राजघाट से संत रविदास घाट
तक दीपोत्सव को निहारने के बाद वह लंका से सारनाथ सड़क मार्ग से जाएंगे। सारनाथ
में लाइट एंड साउंड शो देखने के बाद सड़क मार्ग से ही वे बाबतपुर एयरपोर्ट जाएंगे।
तैनात रहेंगे 11 हजार जवान, सीसी कैमरों से निगहबानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
के आगमन के दौरान 20 आईपीएस के
नेतृत्व में 26 एडिशनल एसपी, 85 डिप्टी एसपी, 800 इंस्पेक्टर व सब
इंस्पेक्टर, 8000 कांस्टेबल और 20 कंपनी पीएसी व
सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात रहेंगे। सभी कार्यक्रम स्थल की
मानीटरिंग सीसी कैमरों से भी की जाएगी।
देव दीपावली से जुड़ी मान्यताएं
काशी में मनाई जाने वाली भव्य
देव दीपावली हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस साल 29 नवंबर को
देव दीपावली मनाई जाएगी। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन सभी देवता काशी
में खुशियां मनाने आते हैं। समूची काशी को रोशनी से सजाया जाता है। बनारस के घाटों
को लाखों दीपों से जगमगाया जाता है।
पौराणिक मान्यता के
अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के कुछ दिन पहले देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु चार
महीने की निद्रा से जागते हैं। जिसकी खुशी में सभी देवता स्वर्ग से उतरकर बनारस के
घाटों पर दीपों का उत्सव मनाते हैं। ऐसी एक अन्य
मान्यता है कि दीपावली पर माता लक्ष्मी अपने प्रभु भगवान विष्णु से पहले जाग जाती
हैं, इसलिए दीपावली के 15वें दिन कार्तिक पूर्णिमा के दिन
देवताओं की दीपावली मनाई जाती है।
दूसरी मान्यता के अनुसार
तीनों लोकों में त्रिपुरासुर राक्षस का आंतक था। तब भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा
के दिन काशी में पहुंच कर त्रिपुरासुर राक्षस का वध कर सभी को उसके अत्याचारों से
मुक्ति दिलाई थी। इसी दिन
परस्पर शापवश ग्राह एवं गज बने जय और विजय नामक विष्णु-पार्षदों का उद्धार हुआ था।
भगवती तुलसी इसी दिन वनस्पति के रूप में पृथ्वी पर प्रकट हुई थीं। देवताओं ने
स्वर्ग लोक में दीप जलाकर दीपोत्सव मनाया था।
बनारस में सबसे पहले पंचगंगा
घाट पर 1915 में हजारों की संख्या में दिये जलाकर की गई थी। तभी के
बनारस में भव्य तरीके से घाटों पर दीये सजाए जाते हैं। बनारस का यह उत्सव करीब तीन
दशक पहले कुछ उत्साही लोगों के प्रयासों से शुरू हुआ। नारायण गुरु नाम के एक
सामाजिक कार्यकर्ता ने युवाओं की टोली बनाकर कुछ घाटों से इसकी शुरूआत की थी, इसके बाद
धीरे-धीरे इस पर्व की लोकप्रियता बढने लगी।
देव दीपावली का शुभ मुहुर्त
देव दीपावली
का पर्व इस साल कार्तिक पूर्णिमा 29 और 30 नवंबर
(रविवार तथा सोमवार) को है। रविवार को दिन में 12.30 के बाद से
और सोमवार को दिन में 2.25 तक है। सायंकालीन पूर्णिमा के कृत्य रविवार को होंगे। जो प्रातःकालीन
हैं, वे सोमवार
को होंगे। पहला दिन (रविवार) व्रत के लिए उपयोगी है, तो दूसरा दिन (सोमवार) स्नान-दान के लिए विशिष्ट है।
रविवार को
प्रातःकालीन चतुर्दशी में श्रीहरि के साथ ही उमामाहेश्वर के पूजन का विशेष महत्व
है, तो
पद्मपुराण के अनुसार इसी दिन कार्तिकव्रत का उद्यापन भी करना है। सायंकालीन
पूर्णिमा होने से संध्या समय त्रिपुरोत्सव के रूप में मंदिरों में दीपदान व
दीपदर्शन पुण्यप्रद माना गया है।
इस दिन
कृत्तिका नक्षत्र सायं 6.30 तक है। भगवान कार्तिकेय का दर्शन धन के साथ-साथ वैदुष्य देने वाला
है। रविवार को ही प्रायः समस्त धार्मिक कृत्य होंगे। सोमवार को रोहिणी नक्षत्र के
योग में महाकार्तिकी होने से स्नान-दान, देवदर्शन, हरिहरनाथ के दर्शन-पूजन भी विशेष फलदायी हैं।