प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन, मैं भारत वासियों को खुश देखना चाहता हूं, इसलिए दवाई नहीं तो ढ़िलाई नहीं....पढ़ें
जनसंदेश न्यूज़
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कोरोनाकाल में देश को सातवीं बार संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कोरोना के जंग में अब भारत बहुत ही संभली स्थिति में है। इसलिए अगर आप कोरोना को लेकर लापरवाही बरत रहे है तो आप अपने आप को, अपने परिवार तथा बच्चों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि यूरोप के देशों में कोरोना की दूसरी लहर चल पड़ी है। उन्होंने कबीर दास की दोहा से उदाहरण दिया....
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कहा कि जब तक सफलता न मिल जाये तब तक लापरवाही नहीं की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती है, तब तक हम इस लड़ाई को कहीं से भी कमजोर नहीं पड़ने देंगे। भारत सहित पूरे देश के वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन ढूंढ़ने में लगे हुए है।
बताया कि कोरोना की वैक्सीन जब भी आयेगी, उसको भारत के हर एक नागरिक तक जल्द से जल्द वैक्सीन पहुंचाने के लिए सरकार के स्तर पर तैयारियां अभी से शुरू की जा चुकी है।
रामचरित मानस के दोहे का उदाहरण देते हुए कहा कि जब तक दवाई नहीं, तब ढ़िलाई नहीं है। आगामी त्योहार को लेकर कहा कि इस संकट के समय में थोड़ी सी भी लापरवाही हमें संकट में डाल सकती है। इसलिए हमें कोरोना प्रोटोकॉल के सभी नियमों का पालन करने करे।
उन्होंने कहा कि मैं भारत और भारवासियों को खुश देखना चाहता हूं, इसलिए हर देशवासियों से इसकी अपील करता हूं। उन्होंने मीडिया से अपील करते हुए कहा कि आप सभी कोरोना में जागरूकता के लिए कार्य करें और सरकार का साथ देते हुए कोरोना की लड़ाई को जीताने में अहम भूमिका निभाये। उन्होंने सभी को शुभकामना देते हुए कहा स्वस्थ रहे और आगे बढ़े। आगामी सभी त्योहारों की देशवासियों को अनंत शुभकामनाएं.....