रोटोमैक कम्पनी कानपुर के निदेशक की जमानत नामंजूर, कोरोना पॉजीटिव होने पर इलाज हेतु मांगी थी जमानत
जनसंदेश न्यूज़
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर की रोटेमैक कंपनी के निदेशक उदय जे देसाई की जमानत नामंजूर कर दी है। देसाई ने कोरोना पॉजीटिव होने के आधार पर इलाज के लिए दो माह की अंतरिम जमानत की मांग को लेकर अर्जी दाखिल की थी। जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने सुनवाई की।
याची की ओर से सुप्रीमकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अनुराग खन्ना ने पक्ष रखा। अधिवक्ताओं का कहना था कि उदय देसाई की कोरोना रिपोर्ट 27 जुलाई को पॉजीटिव आई है। उनकी आयु 65 वर्ष है और उनको ब्लड प्रेशर, सुगर और सांस लेने की तकलीफ है। दिल्ली के मैक्स अस्पताल में उनका इलाज पहले से चल रहा है। इसलिए उनको दो माह की अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए ताकि वह अपना इलाज करा सकें।
जमानत अर्जी का सीबीआई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश ने विरोध किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि इससे पूर्व अदालत ने सीएमओ कानपुर को तीन डाक्टरों का पैनल बनाकर देसाई की जांच करने का निर्देश दिया था। सीएमओ की रिपोर्ट के अनुसार याची की स्थिति स्थिर है और उनका कानपुर के ही अस्पताल में उपचार किया जा सकता है। 23 अगस्त को सीएमओ द्वारा की गई जांच में उनकी हालत स्थिर पाई गई है और उनका लाला लाजपत राय हॉस्पिटिल में इलाज संभव है। इस जानकारी के बाद कोर्ट ने अंतरिम जमानत देने से इंकार करते हुए अर्जी खारिज कर दी है।