मरीजों का इलाज ही नहीं करना तो क्यों की डाक्टर की नौकरी? दुर्व्यवस्था देख भड़के कमिश्नर, ली जमकर क्लास
कमिश्नर के सामने आने से बचते दिखे स्वास्थ विभाग के अधिकारी
जनसंदेश न्यूज़
चन्दौली। कोरोना संकटकाल में सरकारी अस्पतालों का जायजा लेने मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने शनिवार को जनपद का दौरा किया। दौरे के दौरान कमिश्नर ने जिला अस्पताल परिसर स्थित एमसीएच (मातृ व शिशु विंग) और गांधी नगर वार्ड का जायजा लिया। जहां अस्पताल में मरीजों के इलाज में लापरवाही की शिकायत पर गहरी नाराजगी जताई।
इस मौके पर इलाज में लापरवाही को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए मंडलायुक्त ने चिकित्सकों को फटकार लगाई और बोले, मरीजों का इलाज ही नहीं करना तो डाक्टर की नौकरी ही क्यों की। चिकित्सकों को कोरोना संकट काल में दायित्वों के निर्वहन की नसीहत देने के साथ लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी। वार्डों में सफाई के साथ चिकित्सा व्यवस्था को दुरूस्त करने के निर्देश दिए।
कमिश्नर ने सबसे पहले गांधी नगर वार्ड का जायजा लिया। वार्ड में सफाई व्यवस्था के साथ ही ट्रांजिट हास्टल के समीप खाली पड़ी जमीन का अवलोकन किया। महामारी के दौर में सफाई व्यवस्था दुरूस्त रखने के निर्देश दिए। वहीं खाली जमीन में निर्माण कराने के लिए स्थानीय प्रशासन को प्रस्ताव तैयार कर भेजने का सुझाव दिया।
इसके बाद एमसीएच विंग में पहुंचे कमिश्नर से मरीजों ने शिकायत करते हुए बताया कि अस्पताल के चिकित्सक प्रसव के मरीजों को भर्ती करने में हीलाहवाली करते हैं। मरीजों की बात सुनने के बाद भड़के मंडलायुक्त ने उन्होंने चिकित्सकों की जमकर क्लास लगाई। अस्पताल के द्वितीय तल पर क्वारंटाइन वार्ड स्थापित कराने का निर्देश दिया। कमिश्नर के सख्त रूख से चिकित्सकों में खलबली मची रही। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सामने आने से बचते रहे। इस दौरान एसडीएम विजय नारायण सिंह, ईओ राजेन्द्र प्रसाद कोतवाल गोपाल जी गुप्ता आदि लोग उपस्थित रहे।