इलाहाबाद हाईकोर्ट: चीफ सेक्रेटरी बताए कोरोना संक्रमण को बनें एक्शन प्लान लागू करने में नाकाम अधिकारियों पर क्या कार्रवाई हुई?
जनसंदेश न्यूज़
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोविड 19 संक्रमण के बढते प्रकोप से बढती मौतों पर चिंता व्यक्त की है। कोर्ट ने कहा कि सरकार ने रोड मैप पेश कर संक्रमण फैलाव रोकने के कदम उठाने का आश्वासन तो दिया किन्तु जिला प्रशासन बिना जरूरी काम के घूमने वालो, चाय पान की दुकान पर भीड़ लगाने वालो पर नियंत्रण करने में नाकाम रहा।
पुलिस बिना मास्क लगाये निकलने व सोसल डिस्टेन्सिंग का पालन न करने वाले लोगो पर जुर्माना लगाया,चालान काटा ,फिर भी लोग जीवन की परवाह नही कर रहे। कोर्ट ने कहा कि ब्रेड बटर और जीवन में चुनना हो तो जीवन ज्यादा जरूरी है। एक पखवाडा लाक डाउन किया जाता है तो लोग भूख से नही मरेगे। सरकार को संक्रमण फैलाव रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने क्वारेन्टाइन सेन्टरो व अस्पतालों की हालत सुधारने को लेकर कायम जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा कि सुरक्षा बल की कमी के कारण हर गली में पुलिस पेट्रोलिंग नही की जा सकती। बेहतर हो लोग स्वयं ही घरों में रहे। जरूरी काम होने पर ही बाहर निकले। कोर्ट ने मुख्य सचिव को रोड मैप व कार्यवाही रिपोर्ट के साथ 28 अगस्त को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने मुख्य सचिव से पूछा है कि लॉकडाउन के बाद अनलाक कर अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कोरोना संक्रमण रोकने का कोई ऐक्शन प्लान तैयार किया गया था। यदि प्लान था तो उसे ठीक से लागू क्यो नही किया गया।
कोर्ट ने कहा कि सरकार के समय समय पर जारी आदेशों से साफ है कि कोई केन्द्रीय प्लानिंग नही थी। मुख्य सचिव बताये कि एक्शन प्लान लागू करने मे नाकाम अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी।कोर्ट ने मुख्य सचिव से मांगी गयी पूरी जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है। प्रयागराज शहर से नगर निगम की अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने के लिए एडवोकेट कमिश्नर चंदन शर्मा को 10 दिन का और समय दिया है।उनके सहयोग के लिए सुभम द्विवेदी को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया गया है। इससे पहले नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर राम कौशिक ने स्वयं को अलग कर लिया।
नगर निगम के अधिवक्ता एस डी कौटिल्य ने बताया कि डा विमल कान्त को नगर स्वास्थ्य अधिकारी नियुक्त किया गया है। कोर्ट ने उन्हें सफाई, सेनेटाइजेशन व फागिंग व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ एस पी सिंह व सी एम ओ ने रिपोर्ट पेश की। ए एस जी आई शशि प्रकाश सिंह ने कोरोना वार्ड आई सी यू में डाक्टर स्टाफ की तैनाती की गाइडलाइन पेश की।
कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से खराब क्वालिटी के मास्क की विक्री पर जानकारी मांगी है। कोर्ट ने प्रदेश के सात जिलों लखनऊ, कानपुर नगर,प्रयागराज, वाराणसी, बरेली,गोरखपुर व झाँसी की स्थिति का जायजा लिया।
स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के कोरोना वार्ड के आई सी यू में भर्ती महिला चुप्पी देवी को शौचालय जाते समय रास्ते में मौत मामले की जांच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश की गयी। कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता को प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।