बीएचयू के कुलपति ने महामना मालवीय पर की अशोभनीय टिप्पणी, भड़के छात्र, सभी छात्र संगठनों ने किया जमकर प्रदर्शन
जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में गुरूवार को एक बार फिर माहौल तनाव पूर्ण हो गया। बीएचयू वीसी राकेश भटनागर द्वारा विश्वविद्यालय के संस्थापक भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय पर दिये गये बयान से जबरदस्त आक्रोश है। बयान के विरोध में सपा, एबीवीपी, एनएसयूआई के अलावा बीएचयू और विद्यापीठ के छात्र संगठन सड़क पर उतर गए हैं।
छात्र इतने अधिक आक्रोशित थे कि बीएचयू परिसर से लेकर बनारस की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर दिये। इसी कड़ी में वीसी से बात करने वाले छात्र के साथ शोध छात्रों ने लंका पर भिक्षाटन कर विरोध दर्ज कराया।
आपको बता दें कि बीएचयू के छात्रों से हेल्थ के नाम पर पैसा लेने के खिलाफ एक छात्र ने वीसी से बात की थी। इसी दौरान वीसी ने महामना का नाम लेते हुए कह दिया कि उन्होंने आम का पेड़ लगा दिया, अगर रुपयों का पेड़ लगाए होते तो हम सबकुछ फ्री कर देते।
भारत रत्न महामना को लेकर बीएचयू वीसी द्वारा इस तरह की अशोभनीय टिप्पणी को लेकर मामला गरमा गया। जिसके बाद छात्रों ने वीसी के बयान को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किा। वहीं इस बात पर सफाई देते हुए बीएचयू की तरफ से कहा गया है कि कुलपति ने उदाहरणों व तथ्यों के माध्यम से छात्र की जिज्ञासा को शांत करने का प्रयास किया था। इसके बाद भी छात्र मानने को तैयार नहीं हुए हैं। छात्र वीसी के इस्तीफे और माफी की मांग कर रहे हैं। इस घटना को लेकर छात्रों और वीसी के बातचीत का एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है।
वीसी के बयान के खिलाफ समाजवादी छात्र सभा के छात्र बीएचयू गेट पर कुलपति का पुतला फूंकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने रोक दिया और पुतले को छीन लिया। वहीं दूसरी तरफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने बीएचयू परिसर में हंगामा किया। डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर कार्यालय पर नारेबाजी की और ज्ञापन देने पहुंचे। वहां से कुलपति आवास के बाहर धरने पर बैठ गए। छात्रों ने मार्च भी निकाला। जिसे रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों को मशक्कत करनी पड़ी। वीसी के खिलाफ छात्रों ने जबरदस्त नारेबाजी की।
बीएचयू और विद्यापीठ के एनएसयूआई के छात्रों ने बीएचयू के केंद्रीय कार्यालय पर प्रदर्शन किया।एनएसयूआई ने वीसी का इस्तीफा मांगते हुए छात्रों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल करने की मांग की। वहीं शुल्क माफी का आंदोलन चलाने वाले शोध छात्रों ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के गेट के पास भिक्षाटन करके विरोध जताया। कहा कि यह पैसा कुलपति को भेंट किया जाएगा।