बनारस में बायो गैस प्लांट लगायेगी अडानी ग्रुप, युवाओं के लिए बढ़ेंगे रोजगार के अवसर, सरकार व कंपनी की टीम ने किया दौरा
भारत सरकार की टीम संग कम्पनी की टीम ने किया दौरा
- छितौनी और शहंशाहपुर के गौशालाओं का हुआ निरीक्षण
- मंडलायुक्त ने देर शाम दल के सदस्यों के साथ की बैठक
जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सीएनजी और बायोगैस प्लांट स्थापित करने की तैयारी है। गाय और भैंस के गोबर से बायोगैस और सीएनजी तैयार करने के लिए यह प्लांट संचालित होगा। परियोजना के लिए अडानी ग्रुप के ‘अडानी गैस’ को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस उद्देश्य से कम्पनी की टीम ने भारत सरकार के अफसरों के साथ बुधवार को दौरा किया और देर शाम कमिश्नर दीपक अग्रवाल के साथ बैठक हुई।
जानकारी के मुताबिक आराजी लाइन विकास खण्ड के शंहशाहपुर स्थित गोवंश आश्रय केंद्र परिसर या उसके आसपास यह बायो गैस प्लांट स्थापित हो सकता है। प्लांट जहां भी स्थापित करेंगे, उसके दस किमी दायरे में स्थित गांवों की गायों और भैसों के गोबर एकत्रित कर उसे प्लांट में खपाया जायेगा। उस प्लांट में गोबर गैस, सीएनजी (कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस) आदि का उत्पादन करेंगे। इसके लिए करोड़ों की लागत से प्लांट लगेगा।
अडानी ग्रुप के दल ने बुधवार को शहंशाहपुर और छितौनी स्थित गोवंश आश्रय स्थलों का दौरा कर गहन मंथन किया। देर शाम मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल के साथ मीटिंग हुई। जानकारों के मुताबिक अडानी ग्रुप इस दौरे में आंकलन कर रहा है कि यदि बनारस में इस परियोजना को मूर्त रूप देंगे तो इसके लिए प्रतिदिन कितनी मात्रा में गोबर की जरूरत पड़ेगी और कहां-कहां से गोबर जुटाने के लिए क्या-क्या आवश्यकताएं हर हाल में चाहिए। ताकि न सिर्फ प्लांट अनवरत रूप से चलता रहे और प्लांट लगने के बाद रोजगार के कितने अवसर बढ़ेंगे।
बुधवार के दौरे में उन्होंने ऐसे ग्रामीणों से भी बातचीत की जो गाय-भैंस के गोबर विभिन्न माध्यमों से बेचते हैं। उन ग्रामीणों ने टीम को गोबर का रेट आदि की जानकारी भी दी। जानकारी के अनुसार अडानी ग्रुप ने वाराणसी में बायोगैस प्लांट स्थापित करने के लिए फिलहाल आरंभिक चरण का सर्वेक्षण शुरू किया है।