बनारस में अपर मुख्य सचिव ने दी हिदायत, कोरोना लापरवाही पड़ सकती है भारी, पैदल चलने वाले भी लगाएं मास्क
- सूबे के अपर मुख्य सचिव एवं जनपद नोडल अफ़सर ने की कोविड-19 के कार्यों और गतिविधियों की समीक्षा
- घर-घर पहुंचने वाली सर्विलांस टीम को परिवार के सभी लोगों के स्वास्थ्य की दें जानकारी
- होम आइसोलेशन वाले रोगियों की प्रतिदिन दो बार लें सेहत का हाल, दें उचित सलाह
जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। जनपद में कोरोना से हुई मौतों में से अधिकांश मृत्यु ऐसे लोगों की हुई जो पहले से डायबिटीज़, बीपी, हृदय रोग और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे। इसलिए गंभीर बीमारियों से पीड़ित तथा उनके घरवालों को पहले से ही सजग रहने की आवश्यकता है। ऐसे व्यक्ति सिर्फ बहुत अधिक आवश्यकता की स्थिति होने या इलाज के कारणों से ही घर से बाहर निकलें। प्रत्येक व्यक्ति हर हाल में मास्क का प्रयोग करे।
सूबे के अपर मुख्य सचिव एवं कोविड-19 के जनपदीय नोडल अधिकारी डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने बनारस क्लब और कमिश्नरी में आयोजित बैठकों में कोरोना से बचाव सम्बन्धी कार्यों की समीक्षा के दौरान यह कहा। उन्होंने सर्विलांस अभियान में तेजी लाने पर बल देते हुए निर्देश दिया। कहा कि यह टीमें कब घर-घर संपर्क करें तो घर के प्रत्येक सदस्य सर्दी, खांसी, बुखार (आईएलआई), अचानक सांस लेने में समस्या एवं पूर्व से गंभीर बीमारी डायबिटीज़, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, कैंसर आदि की सही-सही जानकारी सर्विलान्स टीम को दें। यदि कोई व्यक्ति पिछले 14 दिनों के अंदर किसी कोविड पॉज़िटिव मरीज के संपर्क में आया है तो उसकी भी जानकारी सर्विलान्स टीम को दी जाय। ऐसे लोगों को अपने स्वास्थ्य की नियमित जांच कराते हुये चिकित्सीय परामर्शानुसार निर्धारित दवाओं का नियमित सेवन करते रहना चाहिए।
नोडल अफसर ने विभिन्न कामकाज में लगे व्यक्तियों को सचेत रहने की अपील की। विशेष रूप से व्यापारी समूह, दुकानदार अथवा ऐसे व्यक्ति जिनके अन्य कार्यों में भीड़भाड़ रहती है, उन्हें भी सजग रहते हुये बताई गई सावधानियां जैसे दो गज की दूरी, मास्क तथा समय-समय पर हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोने एवं सेनिटाइज़र के प्रयोग का कड़ाई से पालन करना चाहिए। साथ ही अपने वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों एवं कार्यालयों में आने वाले व्यक्तियों से इसका कड़ाई से पालन कराने पर जोर दिया।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जनपद में भ्रमण के दौरान यह देखा जा रहा है कि वाहनों में चलते समय तो लोग मास्क लगाए रहते हैं लेकिन सड़कों पर पैदल चलने वाले लोग मास्क का प्रयोग नहीं करते हैं। रोड पर बिना मास्क लगाए झुंड एवं भीड़ में खड़े होते हैं, जो किसी भी स्थिति में ठीक नहीं है। नागरिकों को स्वयं इस दिशा में पहल करनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि होम आइसोलेशन के मरीजों के घर पर रेपिड रिस्पोंस टीम 24 घंटे के अंदर विजिट कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी लें। कोविड कमांड कंट्रोल सेंटर से प्रतिदिन दो बार वहां की चिकित्सीय टीम मरीज के मोबाइल नंबर पर उसके स्वास्थ्य की जानकारी लेकर आवश्यक चिकित्सीय परामर्श दें।
डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि कोंटेक्ट ट्रेसिंग एवं होम आइसोलेशन के प्रपत्रों पर सम्बंधित टीम मरीज का सही-सही मोबाइल नंबर दर्ज करे ताकि बाद में रोगी एवं व्यक्ति से आवश्यक जानकारी लेकर जरूरी सलाह देना सम्भव हो।
नियमों की अनदेखी करने वालों पर हो रही कार्रवाई
- अपर मुख्य सचिव की बैठक में मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल और जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने वाराणसी में कोविड-19 के तहत किये गए इंतजामों और कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सोशल डिस्टेन्सिंग एवं मास्क का प्रयोग न करने वाले वाणिज्यिक संस्थान और दुकानों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। जनपद में कोरोना पॉज़िटिव विभिन्न आयु वर्ग के 74 मरीजों की हुई मृत्यु हुयी। उनमें से 32 मृत्यु व्यापारी एवं उनके संपर्कियों की, 17 मृत्यु गृहणियों की, नौ मौतें निजी क्षेत्र के वेतनभोगियों, चार मृत्यु रिटायर लोगों की, तीन मृत्यु प्रवासियों की, तीन मृत्यु चिकित्साकर्मियों एवं उनके संपर्कियों की, तीन मौत राजकीय कर्मियों की, दो मृत्यु पुलिसकर्मी एवं उनके संपर्कियों की और एक मृत्यु विद्यार्थी की हुयी है।
मिलते-जुलते लक्षण हैं तो तुरंत जाएं फ्लू क्लिनिक
- मीटिंग में अपर मुख्य सचिव ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति में कोरोना से मिलते-जुलते लक्षण मिले या उसे यह लगे है कि वह किसी पॉज़िटिव मरीज के संपर्क में आया है तो उसे) तत्काल नजदीकी प्राथमिक अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के फ्लू क्लीनिक में जाकर अपने स्वास्थ्य की जांच करानी चाहिए। साथ ही चिकित्सीय सलाह के मुताबिक अपनी कोरोना की जांच कराएं। इसमें देरी से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। अस्वस्थता अथवा जांच की रिपोर्ट निगेटिव न आने तक व्यक्ति को अपने कामकाज से भी दूर चाहिए क्योंकि इसका पालन न करने से उसके संपर्क में आने वाले अन्य व्यक्ति भी कोरोना संक्रमित हो सकते हैं।
संसाधनों में नहीं रहेगी कोई कमी
- अपर मुख्य सचिव ने बैठक में कहा कि जनपद में कोरोना की स्थिति पर शासन व जिला प्रशासन लगातार निगरानी रख रहा है। प्रतिदिन नियमित समीक्षा कर सर्विलान्स, रैपिड रिस्पोंस, नमूना जांच समेत इलाज के लिए एल-1, एल-2 एवं एल-3 चिकित्सालयों में बेड तथा अन्य चिकित्सीय संसाधनों को बढ़ाए जा रहे हैं। आगे आवश्यकतानुसार और भी संसाधन बढ़ाए जाएंगे। इसमें कोई कमी नहीं आने देंगे। डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने आमलोगों से अपील की कि कोरोना से बचने के लिए बताई गई सावधानियों और शासन एवं जनपद प्रशासन से तय नियमों का कड़ाई से पालन करें।