रज्जू भैय्या हमेशा सभी के दिलों में रहेंगे जिंदा: प्रो. राजाराम यादव
आरएसएस के चतुर्थ सर संघचालक की मनाई गई पुण्यतिथि
पूर्वांचल यूनिवर्सिटी में प्रो. राजेन्द्र सिंह रज्जू भैय्या संस्थान में हुआ कार्यक्रम
जनसंदेश न्यूज़
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल यूनिवर्सिटी में मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के चतुर्थ सर संघ चालक प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैय्या की पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर शिक्षकों ने प्रोफेसर रज्जू भैय्या की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह रज्जू भैय्या संस्थान में आयोजित श्रद्धांजति कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर राजा राम यादव ने कहा कि प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया एक प्रभावशाली शिक्षक रहे और पढ़ाना उनका शौक था। प्रयाग विश्वविद्यालय में पढ़ाने के दौरान, उन्होंने संघ के कार्यों में अपना योगदान जारी रखा। भौतिक विज्ञान विषयों पर असामान्य शक्तियों के साथ-साथ, रज्जू भैया अपने शिष्यों के लिए सरल और दिलचस्प शिक्षण शैली और स्नेह के कारण प्रयाग विश्वविद्यालय के सबसे लोकप्रिय और सफल प्राध्यापक थे।
उन्होनें कहा कि प्रोफेसर रज्जू भैय्या का पूरा जीवन इस बात का साक्षी है कि वह कभी आकांक्षी नहीं रहे। विश्वविद्यालय में शिक्षक होने के बावजूद, उन्होंने अपने लिए पैसा नहीं कमाया। वे अपने वेतन का एक-एक पैसा संघ के काम में खर्च करते थे। एक सम्पन्न परिवार में पैदा होने के बाद भी, पब्लिक स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करने, संगीत और क्रिकेट जैसे खेलों में रुचि रखने के बाद भी, वें अपने लिए कम से कम राशि खर्च करते थे। वें मितव्ययता का एक उत्कृष्ट उदाहरण थे। वर्ष के अंत में, उनके वेतन में से जो कुछ बचता था, वह उसे गुरु-दक्षिणा के रूप में समाज को दे देते थे।
कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर राजा राम यादव ने कहा प्रो राजेंद्र सिह एक उत्कृष्ट शिक्षक, और महान व्यक्तित्व थे। जिन्होंने राष्ट्र की रुचि और सांस्कृतिक विरासत के विकास के लिए काम किया। उनकी विचारधारा और राष्ट्र प्रेम लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया। वे स्वयं में विचारधारा, दृढ़ संकल्प और आत्म-त्याग आदर्श की छवि थे। इसलिए रज्जू भैया हमेशा सभी के दिलों में जिंदा रहेंगे।
वित्त अधिकारी एन के सिंह ने कहा निःस्वार्थ स्नेह और अथक परिश्रम के कारण, रज्जू भैया को सभी प्यार करते थे। संघ के भीतर भी और बाहर भी। उन्होंने पुरुषोत्तम दास टंडन और लाल बहादुर शास्त्री जैसे नेताओं के साथ-साथ, प्रभुदत्त ब्रह्मचारी जैसे संतों का विश्वास और स्नेह अर्जित किया
प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह रज्जू भैय्या संस्थान के डायरेक्टर प्रोफेसर देवराज सिंह ने कहा की रज्जू भैय्या चिन्तक थे, मनीषी थे, समाज-सुधारक थे, कुशल संगठक थे और कुल मिलाकर एक बहुत ही सहज और सर्वसुलभ महापुरुष थे। ऐसा व्यक्ति बड़ी दीर्घ अवधि में कोई एकाध ही पैदा होता है।
एनएसएस के समन्यवक डॉक्टर राकेश यादव ने कहा कि रज्जू भैया ने भारत की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के माध्यम से राष्ट्र की भलाई के बारे में सोचा। भारत के सच्चे नागरिक होने के नाते, यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत की रक्षा करें ताकि मूल मूल्यों को अक्षुण्ण रखा जा सके।
प्रोफेसर बीबी तिवारी ने कहा कि रज्जू भैया बहुत यथार्थवादी होने के साथ-साथ बहुत ही संवेदनशील थे। श्रंद्धाजलि कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर देवराज सिंह व संचालन डॉक्टर नितेश जायसवाल व धन्यवाद ज्ञापन मीडिया प्रभारी डॉक्टर राज कुमार सोनी ने किया।
इस अवसर पर आर एस दुबे, गिरिधर मिश्र, शशिकांत यादव, संदीप कुमार, दिनेश कुमार वर्मा, मिथिलेश यादव, नीरज अवस्थी, श्याम कन्हैया, श्रवण कुमार, रमांशु प्रभाकर, सौरभ सिंह, दीपक कुमार वर्मा आदि शिक्षक उपस्थित रहे।