गूगल के गलत पोस्ट के कारण पूरा देश आज मना रहा मंगल पाण्डेय की जयंती, उनके गांव में भारी रोष, पीएम से हस्तक्षेप की मांग

-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग 

जनसंदेश न्यूज़
बलिया। प्रथम स्वाधीनता संग्राम के नायक मंगल पांडेय की जयंती भी विवादों के घेरे में आ गई है। गूगल के गलत पोस्ट के कारण आज पूरे देश में मंगल पांडेय की जयंती मनाई जा रही है। इसको लेकर मंगल पांडेय के पैतृक गांव नगवां के बाशिन्दों में भारी रोष है।
गूगल के एक गलत पोस्ट के कारण देश के पहले अमर शहीद मंगल पांडेय के जन्मदिन को लेकर देश में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। गूगल के एक पोस्ट में मंगल पांडेय की जन्मतिथि 19 जुलाई 1827 प्रदर्शित किया गया है। इसी पोस्ट के कारण मंगल पांडेय की जयंती मनाने की देश भर में धूम है। बलिया जिले के नगवां गांव में मंगल पांडेय का जन्म हुआ था। मंगल पांडेय के परिजन व ग्रामवासी उनकी जयंती 30 जनवरी को मनाया करते हैं। पैतृक गांव नगवा में मंगल पांडेय की स्मृतियों को अक्षुण्ण रखने के लिए स्थापित शहीद मंगल पांडेय स्मारक समिति व मंगल पांडेय विचार मंच ने इसे लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। 
मंगल पांडेय विचार मंच के अध्यक्ष कृष्ण कांत पाठक ने कहा है कि यह सर्वविदित तथ्य है कि शहीद मंगल पांडे का जन्म 30 जनवरी 1831 को नगवां गांव में हुआ था। उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा 6 की पाठ्य पुस्तक महान व्यक्तित्व में शहीद मंगल पांडेय की जयंती 30 जनवरी 1831, जन्मस्थान बलिया जनपद का नगवा गांव ही दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि गूगल देश के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के प्रथम सेनानी मंगल पांडेय के जीवन चरित्र व इतिहास के साथ खिलवाड़ कर रहा है। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए तथा वास्तविक जयंती पर ही कार्यक्रम होने चाहिए।


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