डीएम का नया फरमान : बनारस के हर संस्थान को बनाना होगा कोविड हेल्प डेस्क अनिवार्य, वरना होगी कार्रवाई

- प्रत्येक दफ्तर, होटल, रेस्टूरेंट, मॉल, निजी अस्पताल व बड़े धार्मिक स्थलों पर करना होगा प्रबंध


- हेल्प डेस्क पर सेनेटाइजर, थर्मल स्कैनर और पल्स ऑक्सीमीटर वगैरह का इंतजाम है आवश्यक


- निर्धारित पोस्टर भी लगाना होगा, सभी एसडीएम और एसीएम आदि ने रविवार से आरंभ की जांच



सुरोजीत चैटर्जी
वाराणसी। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जनपद के प्रत्येक सरकारी, अर्द्ध सरकारी और निजी कार्यालयों व संस्थानों में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना अनिवार्य कर दिया गया है। इनमें अस्पताल, हेल्थ सेंटर, होटल, रेस्टूरेंट, मॉल सेंटर, बड़े धार्मिक स्थल आदि ऐसे सभी स्थान सम्मिलित हैं जहां अधिक संख्या में लोग जुटते हों। कोविड हेल्प डेस्क पर सेनेटाइजर, थर्मल स्कैनर, पल्स ऑक्सीमीटर वगैरह के साथ शिफ्टवार ट्रेंड स्टाफ उपलब्ध होना चाहिए। इसकी जांच रविवार से आरंभ कर दी गयी।
मौके पर यह व्यवस्था न पाये जाने पर महामारी अधिनियम की तय धाराओं के तहत कार्रवाई होगी। यह इंतजाम सुनिश्चित कराने के लिए जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने इलाकेवार मजिस्ट्रेटों के अलावा विभिन्न स्तर पर जांच टीम लगायी है, जो सोमवार की शाम तक अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे। डीएम ने धारा-144 के अंतर्गत निषेधाज्ञा जारी करते हुए निर्धारित दफ्तरों, संस्थानों और दुकानों आदि में हर हाल में कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने कहा है कि जनपद से सभी सरकारी व निजी कार्यालय, प्राइवेट अस्पताल, मॉल, होटल, रेस्टूरेंट, बड़े धार्मिक स्थल, दुकान आदि ऐसे स्थान जहां अधिक संख्या में कर्मचारी तथा आमलोगों की आवाजाही है, वहां कोविड हेल्प डेस्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। उस हेल्प डेस्क पर प्रदेश सरकार के चिकित्सा विभाग की ओर से जारी कोविड हेल्प डेस्क पोस्टर लगाना जरूरी होगा। वहां कर्मचारियों की शिफ्टवार ड्यूटी लगानी है।
हेल्प डेस्क पर तैनात स्टाफ को मास्क और ग्लब्ज पहनना और वहां आने वाले लोगों से दो गज की दूरी बनाए रखने की व्यवस्था करनी होगी। हेल्प डेस्क पर सेनेटाइजर, थर्मल स्कैनर और पल्स ऑक्सीमीटर की उपलब्धता हर हाल में रहे। इन उपकरणों से परिसर में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जांच करनी है। जिस व्यक्ति का ऑक्सीजन सेचुरेशन 95 फीसदी से नीचे होगा या जिसका भी तापमान सामान्य से अधिक पाया जाय या वह बीमार हो तो उसे तत्काल नजदीकी प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रिफर करना होगा।
इसके लिए हेल्प डेस्क पर निकट के पीएचसी या सीएचसी का फोन नंबर समेत वहां के प्रभारी चिकित्साधिकारी का फोन नंबर, ईएसआईसी अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग का हेल्प लाइन नंबर प्रदर्शित करना अनिवार्य है। ताकि प्रभावित व्यक्ति को तुरंत सहायता उपलब्ध कराना संभव हो। कोविड हेल्प डेस्क पर तैनात किये जाने वाले कर्मचारियों की इस बारे में आवश्यक ट्रेनिंग दी जाएगी।
जिलाधिकारी श्री शर्मा ने इस बारे में सभी एसडीएम और एसीएम को इलाकेवार संबंधित कार्यालय, होटल, रेस्टूरेंट, मॉल, निजी अस्पताल, दुकान आदि की जांच करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने मंगलवार शाम तक यह भी रिपोर्ट मांगी है कि जहां कोविड हेल्प डेस्क स्थापित नहीं किये गये हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई क्या कार्रवाई की गयी।


 


Popular posts from this blog

'चिंटू जिया' पर लहालोट हुए पूर्वांचल के किसान

लाइनमैन की खुबसूरत बीबी को भगा ले गया जेई, शिकायत के बाद से ही आ रहे है धमकी भरे फोन

नलकूप के नाली पर पीडब्लूडी विभाग ने किया अतिक्रमण, सड़क निर्माण में धांधली की सूचना मिलते ही जांच करने पहुंचे सीडीओ, जमकर लगाई फटकार