यौन उत्पीड़न में  सिपाही पति समेत पांच को जेल

एसएसपी ने आरोपी सिपाही को किया निलंबित 
वाराणसी। विवाहिता ने सिगरा में तैनात सिपाही पति के द्वारा मकान अपने नाम पर लिखने अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न करने, बाइक और 1.50 लाख नगद की मांग पूरी नहीं होने पर विवाहिता को इस कदर पीटा गया कि उसकी आंख चली गई। इस मामले में पीड़िता ने आरोपी सिपाही, सास और ननद के खिलाफ मामला दर्ज कर कराया था। मंगलवार को आरोपी सिपाही को बलिया व आरोपी परिजनों को बलिया से गिरफ्तार कर वाराणसी लाया गया और कोर्ट में पेशी कराकर जेल भेज दिया गया। मामले की जानकारी होने पर एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने आरोपी सिपाही को निलंबित कर दिया है। 
आवास-विकास कालोनी पाण्डेपुर निवासिनी महिला का विवाह 23 नवंबर वर्ष 2017 में बलिया जनपद के लालगंज दोकटी निवासी दिवाकर के साथ हुआ था। आरोप है कि विवाहिता के पाण्डेयपुर स्थित मायके वाले मकान को अपने नाम कराने को लेकर पति के अलावा ससुर राजेन्द्र राम, सास तेतरी देवी और ननद  अनिता देवी,सोनाली उर्फ पिंकी की शह पर प्रताड़ित करता था। इस काम में ननद और सास भी शामिल थीं। विवाहिता ने जब इस बात का विरोध किया तो उसे आठ जुलाई को बर्बता से सिपाही संग उसके घर वालों ने पीटा। महिला की आंख में गंभीर चोट आयी थी और आॅपरेशन हुआ था। विवाहिता की तहरीर पर कैन्ट पुलिस ने धारा 377,498 अ,323,326, 504,506 व 3/4 डीपी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। 



युवती ने पिया डीटॉल 
वाराणसी। लालपुर-पाण्डेयपुर थाना अंतर्गत पाण्डेयपुर में परिवार के डांट क्षुब्ध होकर वैशाली नामक युवती ने दरवाजा बंद कर  मेडिकल लिक्विड पी लिया। परिवार के लोग दरवाजा तोड़कर उसे पाण्डेयपुर चैराहे पर एक निजी हॉस्पिटल पहुंचाया जहां उसकी हालत बिगड़ने पर उसे मलदहिया स्थित निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। यहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। चौकी प्रभारी पाण्डेयपुर राजकुमार पाण्डेय ने बताया कि किसी बात को लेकर परिवार के लोग उसे डांट दिया था इस बात से वह नाराज थी और उसने ये कदम उठाया। हालांकि वह अब ठीक है।

समाज के लिए आइना बने डॉ.अशोक सोनकर
वाराणसी। वैसे तो लॉकडाउन में हर किसी ने अपनी तरफ से जरूरमंदों की सेवाभाव में जुटे रहे। लेकिन इससे इतर शिक्षा  क्षेत्र के लोग, पुलिस विभाग, स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी इस काम को बड़ी शिद्दत से निभाया।
हम बात कर रहे हैं बीएचयू इतिहास विभाग के शिक्षक डॉ. अशोक कुमार सोनकर की। इस पूरे लॉकडाउन में उन्होंने जो काम किया उसकी बात होनी जरूरी है। लॉकडाउन में डॉ.सोनकर ने जरूरमंदों के बीच उन सभी जरूरतों को पूरा किया जिसका उन जरूरतमंदों को दरकार था। आशापुर, सारनाथ समेत पांडेयपुर के विभिन्न क्षेत्रो में उन्होंने काम किया। घर पर खाना बनवाना और उसे खुद लेकर जाना उनकी रोजमर्रा मेंं शामिल है। लॉकडाउन में ढील मिलने के बाद भी उनका अभियान थमा नहीं है। उनके इस काम का क्षेत्र में सभी सराहना करते मिल जायेंगे। 
 


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