तो इसलिए विद्युतकर्मियों ने किया एमडी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन
लंबित मांगें पूरी न होने पर खफा है बिजली विभाग के कर्मचारी
इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल को वापस लेने की पूरजोर मांग की
जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। बिजली विभाग के नियमित और संविदा कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों के समर्थन में मंगलवार को भिखारीपुर स्थित पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि. के प्रबंध निदेशक कार्यालय पर मौन विरोध प्रदर्शन किया। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रदर्शन में शामिल कर्मचारी लंबित मांगों को अभी तक पूरा न किये जाने से खफा थे।
विद्युत मजदूर संगठन एवं विद्युत संविदा मजदूर संगठन वाराणसी इकाई के बैनर तले करीब एक घंटे तक मौन विरोध प्रदर्शन चला। तत्पश्चात प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित पत्रक एमडी के. बालाजी को सौंपा। पत्रक में केंद्र सरकार की तरफ से लाए जा रहे इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 को वापस लेने की पूरजोर मांग की है। साथ ही नियमित व संविदाकर्मियों को कोरोना योद्धा घोषित करने, विगत 13 साल में संविदाकर्मियों के ईपीएफ मद में की गयी कटौती के 10 अरब रुपये के घोटाले की सीबीआई जांच कराने, अलीगढ़ में वर्ष 2012 में दर्ज करायी गयी रिपोर्ट वाली फर्म सेईपीएफ धनराशि लेकर संविदाकर्मियों को देने की भी मांग की गयी।
पत्रक में संविदाकर्मियों को नियमित कर्मचारी के बराबर तथा संविदा श्रमिकों को न्यूनतम 18000 रुपये वेतन देने, कार्यकारी सहायक व टीजी-टू तथा समकक्ष को न्यूनतम नियुक्ति ग्रेड-पे तीन हजार रुपये देने, महंगाई भत्ता फ्रीज करने के आदेश को वापस लेने आदि की भी मांग की गयी है। विरोध प्रदर्शन में इंद्रेश राय, प्रवीण सिंह, वेद प्रकाश राय, राहुल कुमार, दिलीप पांडेय, विजय नारायण हिटलर, राजकुमार यादव उदयभान दूबे, संदीप कुमार, श्रीनिवास यादव, शशि भूषण सिंह, अरविंद यादव, जेपीएन सिंह, रंजीत पटेल, अशोक यादव, संतोष सिंह, महेंद्र सिंह आदि शामिल थे।