तंगहाली से परेशान होकर लगा ली फांसी, चार दिन बाद दुर्गंध उठने पर हुआ खुलासा, पत्नी व बच्चों को भेज दिया था ससुराल


चार दिन पूर्व लगाया था फांसी कमरे सें आ रही थी गंध सोमवार को दोपहर परिजनों ने देखा

जनसंदेश न्यूज़
घूरपुर/प्रयागराज। घूरपुर क्षेत्र के बीकर गांव में तंगहाली से परेशान बालू मजदूर ने चार दिन पूर्व फांसी लगा जान दे दी। दुर्गंध आने से परिवार के लोगों ने कमरे का दरवाजा खोल देखा तो फांसी पर झूलता देख दंग रह गए। सूचना पर मायके गए पत्नी व बच्चे भी रोते बिलखते घर पहुंचे। पुलिस पहुंच शव को नीचे उतार जांच पड़ताल कर शव को पीएम के लिए भेजा। क्षेत्र के बीकर गांव निवासी समुंदर निषाद उर्फ लुल्लु 35 वर्ष पुत्र स्व. दशरथ बालू मजदूरी कर परिवार सहित गुजर बसर करता था। विगत कई माह से बालू खनन बंद किए जाने के बाद से गांव व आसपास में घर आदि निर्माण कार्य में मजदूरी करने लगा था। 
इधर कोरोना के लॉकडाउन में सारे काम भी बंद हो जाने से रोजी रोटी के माध्यम भी छिन गए तो तंगहाली के चलते पत्नी व पांच बच्चों को अद्यौगिक क्षेत्र के मवैया गांव स्थित अपने ससुराल भेज दिया। और अकेल तनहा रहने लगा। सोमवार की दोपहर कमरे से दुर्गंध आने पर भतीजा अजय कमरे के दरवाजे से झांका तो समुंदर का शव छत के चुल्ले में लगी रस्सी के फंदे से शव लटक रहा था। यह देख वह चीखते चिल्लाते परिजनों को बताया तो आसपास के लोगों की भीड़ जुट गई। 
कमरा का दरवाजा अंदर से नही बंद था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतार लोगों सें पूछताछ कर शव को पीएम के लिए भेज दिया। परिजनों ने पुलिस को बताया कि पहले बालू मजदूरी छिनी उसके बाद लॉकडाउन ने गांव में घर निर्माण में मजदूरी का काम भी छीन लिया जिससे तंगहाली हालत में फांसी लगा आत्महत्या कर लिया। यही बात परिजनों ने पुलिस को लिखित में भी दिया है। परिजनों ने बताया कि 28 मई की सायंकाल उसे देखा गया। उसके बाद उसे नही देखा गया। जिससे लोगों को आशंका है कि 28 मई की रात ही फांसी लगा लिया था। जिससे शव से दुर्गध आने लगी थी। मृतक मजदूर दो भाइयों में सबसे छोटा था बड़ा भाई कंधई अलग रहता था। 
पत्नी व पांच बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल
मायके बच्चों सहित रह रही पत्नी व बच्चे घटना की सूचना सुन स्तब्ध रहे गए ।पत्नी मीरा देवी अपने पांच बच्चों बेटी प्रियंका, बेटा शिवम,शुभम, दिपांशु, प्रियांशु रोते बिलखते घर पहुंचे। मीरा जहां बार बेहोश हो जाती थी वही नन्हे मुन्ने बच्चों का भी रो रोकर बुराहाल हो गया है।
राशन के अलावा नही मिलती थी कोई सुविधा
परिजनों ने बताया कि समुंदर निषाद को कोटे का राशन के अलावा मजदूरों को एक हजार मिलने वाली सहायता सहित अन्य सुविधाएं कुछ भी नही मिलती थी। जिससे सिर्फ राशन सें मात्र बीवी बच्चों का भरण पोषण नही किया जा सकता था लॉकडाउन के चलते कोई काम भी नही मिलता था जिससे हमेशा परेशान रहता था और पत्नी बच्चे भी दूर हो गए थे जिससे हमेशा उदास रहता था। और इसी के चलते आत्महत्या कर जान दे दी।
घटना के बाबत थाना प्रभारी उपेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मजदूर को राशन मिलता था। परिजनों ने बताया कि आर्थिक स्थिति सही नही थी। जांच करने पर पता चला कि समुंदर शराब का आदि था। रोजना शराब पीकर पत्नी सहित आसपास मारपीट करता था जिससे ऊबकर पत्नी बच्चों सहित मायके चली गई थी। फिलहाल मामले की छानबीन की जा रही है।


Popular posts from this blog

'चिंटू जिया' पर लहालोट हुए पूर्वांचल के किसान

लाइनमैन की खुबसूरत बीबी को भगा ले गया जेई, शिकायत के बाद से ही आ रहे है धमकी भरे फोन

नलकूप के नाली पर पीडब्लूडी विभाग ने किया अतिक्रमण, सड़क निर्माण में धांधली की सूचना मिलते ही जांच करने पहुंचे सीडीओ, जमकर लगाई फटकार