सेल्फ हेल्प ग्रुप के सिले ड्रेस पहनकर बच्चे जाएंगे स्कूल, एनआरएलएम योजना में की गई पहल


अचार, जैम, जेली आदि भी करेंगी तैयार, प्रशिक्षण शिविर शुरु


सुधरेगी स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की आर्थिक स्थिति

जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। जनपद के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों का ड्रेस तैयार करने की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को सौंपी गयी है। आगामी सत्र में स्कूल आने वाले बच्चे इन्हीं समूहों द्वारा तैयार ड्रेस पहनकर विद्यालय पहुंचेंगे। दूसरी ओर, ऐसे ही अन्य समूहों की महिलाएं बाजार की मांग को देखते हुए अचार, जैम, जेली आदि भी तैयार करेंगी। इसके लिए मुफ्त प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार को आरंभ हुआ।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन योजना में गठित स्वयं सहायता समूहों में से कई समूहों को एक लाख 25 हजार से अधिक स्कूल ड्रेस सिलने का दायित्व दिया गया है।  समूह की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के उद्देश्य से उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन तथा कौशल विकास मिशन ने संयुक्त रूप से हरहुआ विकास खंड के पलहीपट्टी और काशी विद्यापीठ ब्लाक के मढ़ैया गांव स्थित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को स्कूल ड्रेस सिलने संबंधी दस दिनी ट्रेनिंग सोमवार को आरंभ की गयी।
दोनों विकास खंडों में सेल्फ हेल्प ग्रुप की 25-25 महिलाएं स्कूल ड्रेस तैयार करने का प्रशिक्षण ले रही हैं। हरहुआ ब्लाक में प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत के मौके पर आईएएस मनीष मीणा एवं बीडीओ मौजूद थे। दूसरी ओर, कोविड-19 महामारी के दौरान रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए आजीविका मिशन ने समूह की उद्यान विभाग के साथ तालमेल कर महिलाओं को अचार, जैम, जेली आदि बनाने की ट्रेनिंग आरंभ की है। इसके लिए काशी विद्यापीठ ब्लाक के करसड़ा गांव में महिलाओं का तीन दिनी प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ हुआ। जिसमें 26 महिलाएं हिस्सेदारी कर रही हैं। ट्रेनिंग लेने के बाद यह महिलाएं अपने-अपने स्वयं सहायता समूहों से लोन लेकर यह कार्य करेंगी।


 


Popular posts from this blog

'चिंटू जिया' पर लहालोट हुए पूर्वांचल के किसान

लाइनमैन की खुबसूरत बीबी को भगा ले गया जेई, शिकायत के बाद से ही आ रहे है धमकी भरे फोन

नलकूप के नाली पर पीडब्लूडी विभाग ने किया अतिक्रमण, सड़क निर्माण में धांधली की सूचना मिलते ही जांच करने पहुंचे सीडीओ, जमकर लगाई फटकार