प्रधान निर्वाचित होने के बाद ही बहरीन चल गई महिला, गांव में फर्जी हस्ताक्षर से सरकार को लगाया लाखों का चूना, ऐसे खुली पोल
जनसंदेश न्यूज़
लखनऊ। सरकारी महकमे में भ्रष्टाचार का क्या आलम है। इसका एक नमूना संतकबीर नगर में देखा गया। जहां भ्रष्टाचार की एक ऐसी पोल खुली है, जिससे सुनकर हर कोई दंग रह गया। यूपी के संतकबीरनगर जिले में लगभग पांच साल से एक महिला ग्राम प्रधान के नाम पर धोखाधड़ी का अनूठा मामला सामने आया है।
जिले के दुधारा थाना क्षेत्र के सेमरियावा ब्लाक के दरियाबाद गांव की महिला सायमा प्रधानी के चुनाव में जीतने के बाद बहरीन चली गई। जहां से वें आज तक वापस नहीं आई। दूसरी तरफ गांव में उसके नाम से प्रधानी का फर्जी खेल चलता रहा और उसका फर्जी हस्ताक्षर से सरकारी विभाग को लाखों का चुना लगाया गया। ग्राम पंचायत चुनाव की आहट आने के बाद यह मामला खुला तो सायमा के नाम से प्रधानी चलाने वाले चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है।
दरअसल बहरीन में बैठकर सायमा द्वारा अपने गैंग से प्रधानी का लाभ उठाने के लिए नियम-कानून को ताक पर रख दिया गया। वह भारत में तो नहीं थी, लेकिन ग्राम सभा से लेकर शांति कमेटी की दर्जनों बैठक में उनके हस्ताक्षर मौजूद मिले। सायमा की गैर हाजिरी में दसी गांव के रहने वाले अब्दुल फत्ता, सुहेल अहमद, बेलाल, लालचन्द नाम के व्यक्ति अवैध तरीके से प्रधानी पद संभालने लगे और सायमा फत्ता के फर्जी हस्ताक्षर कर सरकारी रकम निकालने लगे। इस तरह तमाम कार्य योजनाओं में लाखों रुपये का भुगतान किया गया।
दुधारा पुलिस ने दरियाबाद निवासी बेलाल पुत्र मोहम्मद, इलियास, लालचन्द पुत्र धर्मपाल के विरूद्व विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। वहीं उक्त मामले में जिला पंचायत राज अधिकारी उमाकांत मिश्र ने कहा कि मामले का पता चला है। मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल की जा रही है। जांच के बाद सरकारी धन के रिकवरी की कार्रवाई की जायेगी।