लापरवाही सचिव की तो रिकवरी भी उसी से होगी, किसानों की फसल बर्बाद होने पर बिफरे विपणन अधिकारी ने दिया निर्देश  


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जनसंदेश न्यूज 
सेवराई/गाजीपुर। तहसील क्षेत्र के कर्मनाशा नदी स्थित तटवर्ती गांव देवल में किसानों से खरीदा गया धान बारिश के पानी से पूरा बर्बाद हो गया। धान साधन सहकारी समिति देवल पर रखा सैकड़ो कुंतल धान खराब होने में सचिव की लापरवाही मानी जा रही है। 
जानकारी के अनुसार विगत शुक्रवार को अचानक जिले में भारी वर्षा समिति की व्यवस्था की पोल खोल दी है। सहकारी समिति देवल पर किसानों से खरीद कर रखा धान वर्षा के पानी में भींगकर सड़ रहा है, लेकिन लापरवाह सचिव ने धान की बोरियों को प्लास्टिक के त्रिपाल से ढ़कने की भी जरूरत नहीं समझी। जिसके कारण सैकड़ों कुंतल धान भींग कर सड़ गया या तो अंकुरित होकर जमने लगा है। कोरोना महामारी में पहले से ही किसान परेशान से है। वहीं दूसरे सचिव व कर्मचारियों की लापरवाही से यह भुखमरी के कगार पर पहुंच सकते है। 
दरअसल, विगत चार माह पूर्व साधन सहकारी समिति देवल पर किसानों से हजारों कुंतल धान की खरीदारी हुई थी। जिसमें कुछ धान की डिलेवरी तो हुआ जरूर लेकिन अभी भी सैकड़ों कुंतल धान केंद्र पर ही पड़ा हुआ है। साधन सहकारी समिति देवल पर खुले आसमानों के नीचे धान की बोरी पड़ी हुई है। बाजार भाव के आधार पर धान सड़ने के साथ ही अंकुरित होकर जमाव हो जाने से किसानों को लाखों रूपए का नुकसान होना स्वभाविक है। इस मामले में खाद्य विपणन अधिकारी राजन कुमार शुक्ला ने बताया कि हमें जो रिपोर्ट मिली है उसके अनुसार सभी क्रय किए गए धान का उठाव हो चुका है। यदि धान सड़ा या खराब हुआ है तो सचिव की लापरवाही के कारण उस धान की रिकवरी सचिव से किया जायेगा।


 


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