किसी राष्ट्र को वैश्विक पटल पर पहचान दिलाते हैं युवा - प्रो. साकेत कुशवाहा
बीएचयू राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम में बोले राजीव गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, अरुणाचल प्रदेश के कुलपति प्रो. साकेत कुशवाहा
राष्ट्रीय युवा संगीत सम्मेलन में छात्राओं के गायन और वादन से झंकृत हो उठा युवा मन
वाराणसी। राजीव गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, अरुणाचल प्रदेश के कुलपति प्रो. साकेत कुशवाहा ने कहा कि कोई भी राष्ट्र अपने युवाओं के जरिए ही दुनिया में जाना जाता है। युवा ही अपने राष्ट्र को बेहतर तरीके से जानकर, उसके रीति-रिवाज को अपना कर अपने राष्ट्र को वैश्विक पटल पर ला सकते हैं। प्रो. कुशवाहा काशी हिंदू विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना के बैनर तले आत्मनिर्भर भारत : जागे युवा-जागे भारत कार्यक्रम शृंखला की अध्यक्षता करते हुए सोमवार को आॅनलाइन संबोधित कर रहे थे।
मुख्य अतिथि बीएचयू के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने युवाओं का आह्वान किया कि वह अपने राष्ट्रीय विरासत से रूबरू हो और सांस्कृतिक विविधता को समझते हुए भारतीय संगीत को विश्व पटल पर स्थापित करें। सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रीय सेवा योजना के महानिदेशक सौरभ शाह ने किया। स्वागत भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल विभाग के क्षेत्रीय निदेशक डा. अशोक श्रोती ने किया। उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के विशेष कार्याधिकारी और राज्य जनसंपर्क अधिकारी डा. अंशुमाली शर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। संगीत सम्मेलन का शुभारंभ रांची की साक्षी सिन्हा के राग बिहाग में शास्त्रीय गायन से हुआ। दूसरी प्रस्तुति अरुणाचल की कागे लाये की रहीं, जिसने राग गौड़ सारंग में विलंबित एवं द्रुत में ख्याल की प्रस्तुति की। अरुणाचल प्रदेश से लिखा यारी ने अपने प्रदेश के विभिन्न समुदायों द्वारा गाए जाने वाले लोक गीतों की प्रस्तुति कर वहां के जीवन शैली को जीवंत कर दिया। केरल की भद्र प्रिया, अरुणाचल प्रदेश की नयामिन अदो ने भी अपनी प्रस्तुति दी। संचालन डा. बाला लखेन्द्र ने किया।