घर में घुसे थानाध्यक्ष ने गर्भवती महिला सहित परिजन को पीटा, हुए निलंबित तो सिपाही द्वारा लिखवा दिया उल्टा मुकदमा


फोटो स्टेट का पैसा मांगने पर थानाध्यक्ष ने दिखाया वर्दी का रौब


एसपी और विधायक को दरकिनार कर परिवार वालों पर ही दर्ज कराया प्राथमिकी



जनसंदेश न्यूज़
जौनपुर। लाइन बाजार थाने के सिपाही से शनिवार की शाम दुकानदार द्वारा फोटो स्टेट की एक कॉपी के दो रुपए काटने से नाराज थानाध्यक्ष मय फोर्स शनिवार की शाम फोटो स्टेट दुकान के मालिक के घर पहुंचे मालिक तथा उसकी गर्भवती पुत्री समेत पूरे परिवार की जमकर पिटाई करने के बाद थाने पर उठा ले गए। जब जफराबाद विधायक डॉक्टर हरेंद्र सिंह ने वहां पहुंचकर विरोध जताया तथा पुलिस अधीक्षक को पुलिस की ज्यादती के बारे में बताया तो पुलिस अधीक्षक ने सिपाही रामाश्रय उपाध्याय को निलंबित कर दिया और पूरे मामले की जांच करने को कहा। 
परिवार वालों पर कहर बरपाने के बावजूद थानाध्यक्ष का गुस्सा ठंडा नहीं हुआ। उन्हें एसपी और विधायक का हस्तक्षेप नागवार गुजरा। जिस सिपाही को पुलिस अधीक्षक ने निलंबित किया, उसी सिपाही से फोटोस्टेट की दुकान के मालिक विनोद कुमार सिंह उनके लड़के व परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ लोक सेवक पर हमला, मारपीट, अबलवा, गालियां व धमकी देने का उल्टा मुकदमा भी शनिवार को रात 9 बजे दर्ज करा दिया।  
हेड कांस्टेबल रामाश्रय उपाध्याय फोटो कॉपी कराने के लिए फोटोस्टेट की दुकान विनोद सिंह निवासी हुसैनाबाद की दुकान पर पहुंचे। उसने प्रति कॉपी दो रुपए लेने की बात कही और फोटोस्टेट के बाद 20 कॉपी के 40 रूपये लिए। वह दोबारा घर से आया और विनोद से कहा कि जाओ भगवान भला नहीं करेंगे, 40 काट लिए। इस पर विनोद का लड़का और उसके परिवार के लोग गालियां देते हुए मारने की धमकी दिए और अभद्रता कर मान सम्मान को ठेस पहुंचाया। 
थाना प्रभारी से शिकायत किया तो मौके पर उसके सहित उसका परिवार उलझ गया और गाड़ी पर बैठने को तैयार नहीं हुआ। कूद कर भाग गए। मोबाइल से फोटो बनाने लगे और कहे कि हम भी लिखाएंगे कि पुलिस वाले घर में घुसकर उल्टा सलूक किए। थानाध्यक्ष ने फोटोस्टेट वाले पर ही प्राथमिकी दर्ज कराकर विधायक और पुलिस अधीक्षक को हाशिये पर ला दिया तथा यह दिखा दिया कि लाइन बाजार थाने पर चाहे गलत हो चाहे सही जो वह चाहेंगे वही होगा। यहां विधायक और पुलिस अधीक्षक की भी नहीं चलेगी। जो धाराएं पुलिस द्वारा फोटोस्टेट मालिक व उसके परिवार वालों पर लगाई गई हैं उनमें जमानत के लिए उन्हें अब कोर्ट के चक्कर काटने पड़ेंगे। गिरफ्तारी व जेल जाने की नौबत आ सकती है। तुरंत जमानत मिलने की भी संभावना नहीं है। परिवार वालों का गुनाह सिर्फ यह था कि उन्होंने पुलिस वाले से फोटो स्टेट के पैसे मांग लिए।


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