धार्मिक स्थल को संक्रमण से बचाने का इंतजाम प्रबंधनों के जिम्मे, कमिश्नर व आईजी ने बताए शासन के दिशा-निर्देश
जिले के धर्म गुरुओं संग की मीटिंग
बोले: नहीं टला है अभी कोरोना महामारी के संक्रमण का खतरा, इसलिए बरतें पूरी सजगता
कोई प्रबंधन धार्मिक स्थल स्वयं कुछ दिनों के लिए बंद रखना चाहते हैं तो वह रख सकते हैं
धार्मिक स्थल पर लाउडस्पीकर से प्रसारित करते रहें कोरोना से बचाव की विभिन्न जानकारी
जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। जनपद के धार्मिक स्थल परिसरों के भीतर कोविड-19 महामारी के संक्रमण से बचाव की सभी व्यवस्था संबंधित स्थल के प्रबंधन को करना होगा। यदि कोई प्रबंधन अपने धार्मिक स्थल स्वयं ही कुछ दिनों के लिए बंद रखना चाहते हैं तो वह ऐसा कर सकते हैं। उन धार्मिक स्थलों को खोलने की कोई बाध्यता नहीं है। प्रत्येक धार्मिक स्थल पर लाउडस्पीकर से कोरोना महामारी से बचाव संबंधी जानकारी अनवरत प्रसारित करनी होगी।
मंडलायुक्त अनुश्रवण कक्ष में सोमवार को कमिश्नर दीपक अग्रवाल और आईजी विजय सिंह मीणा ने जिले के विभिन्न धर्म गुरुंों के साथ हुई संयुक्त बैठक में यह बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोरोना महामारी का खतरा अभी टला नहीं है। इसलिए पूरी सजगता व सतर्कता बरने की जरूरत है। दोनों आला अफसरों ने धार्मिक स्थलों के खोलने के लिए शासन के दिशा-निर्देशों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
मंडलायुक्त ने कहा कि धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए उस परिसर में किये गये इंतजामों के सत्यापन के उद्देश्य से जिला प्रशासन की ओर से एक चेक लिस्ट बनायी गयी है। धार्मिक स्थल के व्यवस्थापक उसी चेक लिस्ट के अनुसार निर्धारित प्रारूप भरकर अपने क्षेत्र के थानों में जमा कर दें। ताकि पुलिस-प्रशासन की गठित हुई टीमें संयुक्त रूप से वहां का मौका-मुआयना कर प्रांगण में की गयी व्यवस्था का सत्यापन करेंगे। उसके बाद ही उस धार्मिक स्थल को खोलने की अनुमति मिलेगी।
श्री अग्रवाल ने बताया कि शासन की ओर से जारी प्रमुख दिशा-निर्देशों के अंतर्गत धर्मिक स्थल के भीतर एकबार में पांच से अधिक व्यक्ति नहीं रहेंगे। बाहर प्रतीक्षा लाइन में खड़े लोगों के बीच 6-6 फीट की दूरी पर रहनी चाहिए। धार्मिक स्थलों पर आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मास्क लगाना अनिवार्य है। प्रवेशद्वार पर थर्मल स्कैनिंग के बाद कोरोना लक्षणों से रहित व्यक्ति ही धार्मिक स्थल के अंदर इंट्री करें। वहां आने वाले हरएक व्यक्ति का हाथ सेनेटाइज करना अनिवार्य है।
उन्होंने बताया कि धार्मिक स्थल परिसर में विग्रह, ग्रंथ, घंटा-घड़ियाल छूने पर रोक रहेगी। प्रसाद के रूप में जल छिड़काव भी न किया जाय। धार्मिक स्थल को समय-समय पर सेनेटाइज करना अनिवार्य है। वहां कोई संदिग्ध व्यक्ति पाए जाने पर तत्काल पुलिस व डॉक्टर को सूचना दें। मीटिंग में एसएसपी प्रभाकर चौधरी भी थे।