दवा और चारे के अभाव में गोशाला में 13 गायों ने तोड़ दिया दम, मवेशियों की मौत पर आखिर क्यों मौन है जिला प्रशासन?
खुले आसमान और कीचड़ में मवेशी रहने को मजबूर
(DEMO PIC)
जनसंदेश न्यूज
दुल्लहपुर/गाजीपुर। योगी सरकार सत्ता संभालते ही पशुुओं की सुरक्षा के लिए काफी सख्त कदम उठाए। गौ तस्करी पर पूरी तरह रोक लगा दिए। पशुओं के रखरखाव के लिए गौशाला के लिए फंड जारी किए। शासन के आदेश के बाद अफसरो ने जिले में गोशाला निर्माण कराने के साथ ही खानपान की व्यवस्था किए। लेकिन सरकार के लाख प्रयास के बाद भी मवेशियों की हालत में सुधार नहीं हो पा रहा है। यहां अव्यवस्थाओं का अंबार है। हैरानी की बात यह है कि दवा और चारे के अभाव में कई मवेशियों की मौत हो जाने के बाद भी प्रशासन मौन है।
स्थानीय थाना के करुई गांव में इसी प्रकार का एक मामला प्रकाश में आया है। जिसमें लगभग 6 महीना पूर्व शासन के निर्देश पर अस्थाई गोशाला बांस और बल्लियों को घेरकर बनाया गया था। जिसमें 40 मवेशी रखे गए थे। लेकिन दवा और चारे के अभाव में 13 मवेशियों ने दम तोड़ दिया। उक्त बातें ग्रामीणों ने बताया, साथ ही देखरेख करने वाले चरवाहा बुझारत ने बताया कि महीने में एक बार चोकर आता है, और डॉक्टर कभी कभार आते हैं। लेकिन दवा नहीं देते हैं।
जानकारी के अनुसार 40 मवेशियों में से 13 मवेशियों के मौत हो चुकी है। इस समय 27 मवेशी सिर्फ बचे हुए हैं, जो खुले आसमान और कीचड़ में रह रहे हैं। वहीं गांव के नन्हे तिवारी ने बताया कि गोशाला का विकास कागजों में सिमट के रह गया है। धरातल पर कुछ भी नहीं है। गोशाला में 13 मवेशियों को मरने से ग्रामीण काफी दुखी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि आखिर मवेशियों का सही देखभाल क्यों नहीं की जाती है। इस बड़ी घटना को लेकर लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है। इस मामले में खण्ड विकास अधिकारी सन्दीप श्रीवास्तव ने बताया कि सारे आरोप निराधार है। जब अस्थाई गोशाला बना था तो पांच मवेशी बीमार थे। उनका इलाज भी हुआ लेकिन बच नही पाए। भूसे, बाजरा, चोकर पर्याप्त मात्रा है। जल्द ही नई टिन शेड का निर्माण होगा।