दाएं-बाएं और बाएं-दाएं मत करिए, रोजाना खोलिएं!

 

लगातार बदलते नियमों के चलते दुविधा के शिकार कारोबारियों ने उठायी आवाज

 

विभिन्न व्यापार मंडलों ने रोजाना प्रतिष्ठानों को खोलने की मांग की

 

कहा, जिला प्रशासन के अविवेकपूर्ण नीतियों से चौपट हो रहा व्यापार


जनसंदेश न्यूज 

वाराणसी। कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन में आम पब्लिक ही नहीं व्यापारी भी चकरघिन्नी बन गए हैं। उनको समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर कारोबार को पटरी पर कैसे लाएं। इसके पीछे उनका तर्क है कि कभी सड़क के इस पार और कभी उस पर दुकानों व प्रतिष्ठानों के खोलने के लिए बनाए जा रहे नियमों में हो रहे बराबर फेरबदल के चलते कारोबार करने में दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला प्रशासन के अविवेकपूर्ण निर्णय से पहले से चौपट कारोबार और चौपट हो रहा है। दाएं-बाएं और बाएं-दाएं के चक्कर में न सिर्फ कारोबार गति नहीं पकड़ पा रहा है, बल्कि ग्राहक भी दुविधा में पड़ जा रहे हैं। ऐसी दशा में जिला प्रशासन को चाहिए कि वे दाएं-बाएं और बाएं-दाएं का चक्कर छोड़कर सोशल डिस्टेंसिंग के तहत रोजाना दुकान और प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति प्रदान करें। जिला प्रशासन यह अवश्य देखें कि यदि कोई दुकानदार सोशल डिस्टेंसिंग समेत तमाम नियमों का पालन नहीं करता है तो पहले उसे चेतावनी दें और फिर भी वह नहीं मानता है तो कार्रवाई करें।

वाराणसी व्यापार मंडल की रविवार को हुई बैठक में अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा ने कहा कि दाएं-बाएं और बाएं-दाएं के चक्कर और लगातार बदलते नियमों के चलते हर कारोबारी दुविधा में हैं। इतना ही नहीं, गुरुवार और शनिवार की पारी में खुलने वाली दुकानों जैसे सैलून, ब्यूटी पार्लर, लोहा, बिल्डिंग मटेरियल आदि के कारोबारी परेशान है। क्योंकि धार्मिक मान्यता के अनुसार तमाम लोग इन दिनों खरीदारी करने और बाल बनवाने से बचते हैं। जिसकी वजह से ये दुकानदार हफ्ते में सिर्फ एक ही दिन कार्य कर पा रहे हैं। ऐसे में कारोबार को सुचारू रूप से चलाने के लिए सोमवार से शनिवार तक रोजाना दुकान और प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति मिलनी चाहिए। 

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंच के प्रांतीय उपाध्यक्ष विनय गुप्ता ने कहा कि लॉकडाउन अवधि में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन करते हुए सड़क के दोनों पटरी की तरफ की दुकानें एक साथ खोली जा सकती है। लेकिन जिला प्रशासन ने जब एक व्यवस्था दिया था तो उसमें अचानक फेरबदल कर देना कहां का न्याय है? इससे ग्राहक भी दुविधा में हो गया है। सोमवार को जब ग्राहक अपनी मनपसंद की दुकान पर सामान लेने की चाहत में जब घर से निकलेगा और वह संबंधित दुकान पर पहुंचेगा तो पता चलेगा कि बंद है। इससे वह मन मसोस कर दूसरी दुकान से सामान लेने को विवश होगा। ऐसे में पहले के दुकानदार का ग्राहक भी भटक जाएगा। उन्होंने जिला प्रशासन के इस अविवेकपूर्ण निर्णय का पूरजोर विरोध करते हुए सप्ताह में छह दिन लगातार दुकानों को खोलने की मांग की है। 

तेलियाबाग व्यापार मंडल के संजय लप्पू ने कहा कि दाएं-बाएं के असमंजस में लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं और दुकानदारों की दुकानदारी खराब हो रही है। इस व्यवस्था ने व्यापारियों की कमर ही तोड़ दी है। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष रविप्रकाश जायसवाल ने कहा कि व्यवस्था एक बार में एक ही बनानी चाहिए। बार-बार नियम बदलने से न सिर्फ कारोबारी, बल्कि ग्राहक भी दुविधा में पड़ जाता है। गैर प्रांतों से आने वाले खुदरा व्यापारियों को बदले नियमों की जानकारी नहीं होती। जब वह निश्चित दिन संबंधित दुकान या प्रतिष्ठान पर पहुंचेगा तो पता चलेगा कि बंद है तो उसका समय और पैसा दोनों बर्बाद होगा। ऐसे में जिला प्रशासन को चाहिए कि वह सभी व्यापार मंडलों के साथ बैठक करें और एक राय बनाकर दुकानों को खोलने का समय और दिन निर्धारित करें। 

वाराणसी नगर उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजीव सिंह बिल्लू ने कहा कि लॉकडाउन के चलते पहले से ही कारोबार पूरी तरह बैठा हुआ है। अब जबकि लॉकडाउन में थोड़ी छूट मिली है तो व्यापारियों को अपने प्रतिष्ठानों और दुकानों का खर्च निकालना मुश्किल हो जा रहा है। ऐसे में लगातार नियमों में बदलाव से व्यापारी काफी परेशान है। जिला प्रशासन के अविवेकपूर्ण निर्णय से कारोबार को गति नहीं मिल पा रही है। उन्होंने भी रोजाना दुकानों को खोलने की वकालत की है। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंच के जिलाध्यक्ष मृत्यंजय सोनकर ने कहा कि दाएं-बाएं और बाएं-दाएं के चक्कर में हर शख्स परेशान है। ऐसा लगता है कि हमारे जिलाधिकारी खुद ही कंफ्यूज्ड है। यदि ऐसा नहीं होता है तो वह एक बार में सही और ठोस निर्णय लेकर कारोबार को सुचारू रूप से चलाने में मदद करते। उन्होंने भी रोजाना दुकानों और प्रतिष्ठानों को खोलने की मांग की है।  

युवा व्यापारी अखिल गुप्ता का कहना है कि बार-बार नियम बदलने से हर कोई परेशान हो जाता है। कारोबारी हो या फिर ग्राहक, सभी लगातार बदलते नियमों से दुविधा में हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह लखनऊ और अन्य शहरों में दुकानों को खोल दिया गया है। ठीक उसी तर्ज पर बनारस में भी दाएं-बाएं के सिस्टम को खत्म कर दुकानों को पूरी तरह से खोल दिया जाना चाहिए। काशी नाटिनियादाई दाई व्यापार मंडल तथा आईटी सेल अध्यक्ष संतोष सिंह ने कहा कि अलग-अलग बाजारों में अलग-अलग नियम बनाए गए हैं। बाजारों से लगते हुए गलियों की दुकानों में दाएं-बाएं का मकड़जाल इतना उलझा हुआ है कि ग्राहक भी परेशान हो जा रहे हैं।

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