अभिभावकों को ऑनलाइन पढ़ाई पर भरोसा, कोराना जैसी महामारी के चलते न खोले जायें स्कूल
बच्चों की जिंदगी से नहीं किया जा सकता समझौता
जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। पूरे विश्व में इस समय कोरोना वायरस का कहर जारी है। कोरोना जैसे वैश्विक महामारी में हालत इतने गम्भीर हैं कि प्रतिदिन मरीज बढ़ते जा रहे हैं। इस दौरान स्कूल खुलने की चर्चा हो रही है इस बारे में पूजा गिरी का कहना है कि ऐसे समय में स्कूल बिल्कुल भी नहीं खुलने चाहिए।
श्वेता अग्रहरि व माधुरी श्रीवास्तव का कहना है कि पूरे विश्व में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी फैला हुआ है, जिसकी वजह से रोज न जाने कितनी जिंदगी जा रही है, इस विषम परिस्थिति में जितना हो सके उतना लोगों से दूरी बनाकर रखना है। ऐसे में हमारे बच्चों को हम जानबूझकर मौत के मुंह में नहीं भेज सकते। बच्चों की जिंदगी का सवाल है उनसे खिलवाड़ नहीं किया जा सकता, स्कूल में भीड़ इकट्ठा होगी। बच्चे न जाने कितनों के सम्पर्क में आएंगे। रही पढ़ाई की बात तो ऑनलाइन क्लास चल रहे हैं, बच्चे उससे पढ़ाई कर रहे हैं। अतरू सरकार से अपील है कि अभी स्कूल बंद ही रखा जाए।
सुनीता गुप्ता व ममता अग्रवाल कहती हैं कि आने वाले समय में अभी कोरोना जैसी महामारी के बीच स्कूल जुलाई तक पूरी तरह से बंद होने चाहिए। बनारस में अलग-अलग हिस्सों में संक्रमण की रफ्तार तेज हो गई है। बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए स्कूल को बंद रखने का निर्णय लिया जाना चाहिए। स्कूल को ऑनलाइन पढ़ाई के मुहिम को और तेज किया जाए ताकि घर बैठे बच्चों को डिस्टेंसिंग के साथ पढ़ाई में नई ऊर्जा मिल सके।
वहीं रश्मि अग्रवाल ने कहा कि बच्चों का स्कूल नहीं खुलना चाहिए क्योंकि वर्तमान हालात कोविड को लेकर काफी बुरे हो चुके हैं हालात बिल्कुल अच्छे नहीं हैं। बच्चे राष्ट्र की धरोहर हैं इनकी सुरक्षा मुख्य उद्देश्य होना चाहिए। अतः हमारा अनुरोध है किसी भी प्रकार स्कूल खुलने का विरोध होना चाहिए जिससे देश की धरोहर के साथ-साथ हमारे परिवार की भी धरोहर सुरक्षित रहे बच्चे देश का भविष्य है।