आत्मनिर्भरत भारत मतलब भरोसे वाला भारत




 


आत्मनिर्भरता का अर्थ

आत्मनिर्भर का अर्थ है हम दूसरों पर निर्भर न होकर खुद पर आश्रित हो। स्वयं को स्वीकार करे चाहे आपकी परिस्थितियां कैसी भी हो। अपने शरीर, अपने व्यक्तित्व, अपने विचार को स्वीकार करना ही आत्मनिर्भरता है। 

आत्मनिर्भर भारत का मतलब ये नही की हम दुनिया के लिए दरवाज़े बंद कर दे, बल्कि खुद के इस काबिल बनाना है कि हम किसी और पे आश्रित न हो और साथ ही दूसरों को सहारा दे। आज दुनिया के लिए और हम सब के लिए भारत का आत्मनिर्भर होना जरूरी है। भारत विश्व भर के देशों से काफ़ी ज्यादा वस्तुओं का आयात करता है लेकिन अब इन्हें ज्यादा से ज्यादा अपने देश मे बनाने की जरूरत है। आत्मनिर्भर भारत के आह्वान का मतलब यह नही की हम दुनिया से कट जाए। आत्मनिर्भर भारत का मतलब एक भरोसे वाले भारत से है जो अपनी ताकत पर निर्भर रह सकता है और साथ ही वैश्विक स्तर पर भी अपना योगदान दे सकता है। 

इस इक्कीसवी शताब्दी के युग मे आत्मनिर्भरता की परिभाषा में बदलाव आया है। भारत "वसुधैव कुटुंबकम्" की संकल्पना में विश्वास रखता है। चूँकि भारत दुनिया का एक हिस्सा है, अतः भारत प्रगति करता है तो ऐसा करके वो दुनिया की प्रगति में भी योगदान देता है। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में वैश्वीकरण का बहिष्कार नही किया जाएगा अपितु दुनिया के विकास में मदद की जाएगी। 


आत्मनिर्भर बनने की जरूरत क्यों है?

भारत विश्व के 140 देशों से लगभग 6000 वस्तुएं आयात करता है। उन वस्तुओं में क्रमशः कच्चा तेल, रत्न एवं आभूषण, पेट्रोलियम उत्पाद, दूरसंचार उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, औद्योगिक मशीनरी, प्लास्टिक, खिलौनों, चिकित्सा उपकरण इत्यादि है। भारत के आयात का सबसे बड़ा स्रोत चीन है। वर्ष 2019 में चीन का भारत को किया गया निर्यात $74.72 बिलियन था जबकि उसी वर्ष चीन को भारतीय निर्यात केवल $17.95 बिलियन था। इसलिए चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 56.77 बिलियन डॉलर का है। इसी लेनदेन और वैश्विक महामारी COVID 19 को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान चलाया। इस अभियान को दो चरणों मे लागू किया जाएगा। 

 

प्रथम चरण - इसमें चिकित्सा, वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लास्टिक, खिलौने जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि स्थानीय विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके। 

दूसरा चरण - इस चरण में रत्न एवं आभूषण, फार्मा, स्टील जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा। 

 

आत्मनिर्भर भारत के स्तंभ

आत्मनिर्भर भारत के लिए 5 मूल मंत्र मजबूत इकॉनमी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, तकनीक आधारित व्यवस्था, विविधतापूर्ण आबादी और बड़ी मांग भारत की आत्मनिर्भरता के स्तंभ होंगे।

 

आत्मनिर्भर भारत के लिए आर्थिक प्रोत्साहन

प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत निर्माण की दिशा में 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। यह पैकेज COVID 19 महामारी की दिशा में सरकार द्वारा दी गई। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण सुक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों पर बहुत बुरा असर पड़ा है। इस आर्थिक पैकेज से गरीब मजदूरों, कर्मचारियों के साथ ही होटल तथा टेक्सटाइल जैसी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को फायदा होगा। अतः अब हम सभी मिलकर देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़े । भविष्य हमारा है। 21वीं सदी भारत की है और भारत विश्व का नेतृत्व करने के लिए उठ खड़ा हुआ है।

 

शशिधर जायसवाल

शिक्षार्थी


 

 



 

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