रामलक्ष्मणपुर में नहीं टूट रही खामोशी और सन्नाटा...!, किले जैसी पुश्तैनी इमारत की ओर इशारा कर ग्रामीण मांगते हैं शिवपाल सिंह की मौत का जवाब

अदलहाट के पंप मालिक शिवपाल की मौत के मामले में घिरते जा रहे पुलिस अफसर


ग्रामीणों ने कहा, योगी सरकार से उठ रहा है भरोसा, नेकदिल इंसान की मौत को दबा रही पुलिस



जनसंदेश न्यूज


चकिया/अदलहाट। मीरजापुर के अदलहाट में दो पेट्रोल पंपों के मालिक शिवपाल सिंह की मौत ने उनके गांव वालों और पड़ोसियों को झकझोरकर रख दिया है। चंदौली के चकिया प्रखंड के रामलक्ष्मणपुर के मूल निवासी थे शिवपाल। इनका पुश्तैनी मकान देखेंगे तो देखते ही रह जाएंगे। एहसास हो जाएगा कि इनके पूर्वज कोई मामूली आदमी नहीं थे। अपनी मेहनत के दम पर किले जैसी इमारत खड़ा की थी। इस इमारत के नीचे रहने वाला अब कोई नहीं है। अगर वहां कुछ है तो  सिर्फ सन्नाटा और खामोशी।



पंप मालिक शिवपाल सिंह की मौत ने इनके पड़ोसियों को झकझोर दिया है। आत्महत्या के मामले में इनके गांव वाले सीधे तौर पर हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के सेल्स आफिसर प्रशांत शर्मा को कसूरवार मानते हैं। साथ ही मीरजापुर के पुलिस अफसरों को भी। पड़ोसियों का सीधा आरोप है कि अब सरकार से भरोसा उठता जा रहा है। इन्हें लगता है कि पुलिस अफसरों ने मौत के
इस संगीन मामले को नोटों की गड्डियों से दबा दिया है। पड़ोसी आशा देवी शिवपाल के की मौत से आहत हैं। कहती हैं कि वो नेकदिल और खुशमिजाज इंसान थे। आत्महत्या के बारे में सोच भी नहीं सकते थे। निश्चित तौर पर उनके ऊपर दबाव डाला गया होगा और जान देने लिए उन्हें मजबूर किया गया होगा। उनके लिए यह घटना स्तब्धकारी है। इस मामले में मीरजापुर पुलिस न्याय से उनका भरोसा पूरी तरह उठ गया है।



शिवपाल के पड़ोस में ही रहती हैं कमलेश देवी। वो कहती हैं कि शिवपाल सिंह एक जिंदादिल व्यक्ति थे। वो हर साल गरीबों की लड़कियों का विवाह कराते थे। साथ ही गांव के समस्याओं को निराकरण भी करते थे। उनके व्यवहार और व्यक्तित्व का हर व्यक्ति कायल है। वो कायरता वाला कोई कार्य कर ही नहीं सकते थे। कमलेश भरोसे के साथ कहती हैं फांसी लगाने के लिए उन्हें विवश किया गया होगा। तभी उन्होंने इतना बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने अगर न्याय नहीं किया उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।



रामलक्ष्मणपुर के ही टोनी सिंह बताते हैं कि शिवपाल सिंह हमारे गहरे रिश्ते थे। रिश्ते में वो चाचा लगते थे। दूर रहकर भी गांव उनके दिल में रहता था। हर कार्य में सहभागिता रखते थे। उनकी धर्म में गहरी आस्था थी। शिव मंदिर और बजरंगबली के मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए करीब एक लाख रुपये दान दिया था। गरीब बच्चों को पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करते थे और लड़कियों की शादी भी कराते थे। वो कहते हैं कि उनकी मौत जाया नहीं जाएगी। इस मामले में लीपापोती करने वाले अफसरों को भगवान कभी माफ नहीं करेंगे।



पड़ोसी बच्चन सिंह पटेल कहते हैं कि शिवपाल बुजदिल नहीं थे। कोई बड़ा आघात लगा होगा। तभी उन्होंने बड़ा कदम उठाया होगा। उनकी मौत से समूचा गांव स्तब्ध है। इनकी मौत के लिए पवन कुमार भारती एचपी के अफसरों के अलावा पुलिस को भी जिम्मेदार मानते हैं। वो कहते हैं कि इनकी मौत का सौदा किया गया है। यह सौदा पुलिस अफसरों ने किया है। सभी को पता है कि प्रताड़ना से ही एक नेक इंसान की जान गई है। पास के गांव नीबीं के जगदीश त्रिपाठी बताते हैं कि शिवपाल सिंह धार्मिक प्रवृत्ति के इंसान थे। नवमी के कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। बैरीशेरवा  के दुर्गा पूजा पंडालों में शरीक होते थे। वो जब भी गांव आते थे, मंदिर में दर्शन जरूर करते थे। कोई भी जिंदादिल इंसान बुजदिल हरकत नहीं कर सकता। उन्होंने सुसाइड नहीं किया, बल्कि उनकी हत्या की गई। 






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