पहली बार विदेश पहुंचा ‘लंगड़ा’,विश्व प्रसिद्ध बनारसी आम ने तय कर ली एक और मंजिल
- पहली खेप में दुबई भेजा गया तीन टन लंगड़ा व दशहरी आम
- मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
- किसानों की आय दोगुनी करने में आम निर्यात मील का पत्थर
- जल्द ही वाराणसी से लंदन भेजेंगे आम की यह दोनों प्रजातियां
जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। विश्व प्रसिद्ध बनारसी लंगड़ा आम ने एक और मंजिल तय कर ली है। पहली बार यह आम विदेश पहुंचा है। खाड़ी देश के लोग दुनियाभर में मशहूर जिस बनारसी लंगड़ा आम के बारे में सिर्फ सुनते ही रहे हैं वह अब इसका स्वाद भी ले सकेंगे। इसकी पहली खेप गुरुवार को दुबई रवाना की गयी। कुल तीन टन आम राजातालाब क्षेत्र के भिखारीपुर गांव स्थित बाग से कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर सात समुंदर पार रवाना किया। उसमें दशहरी आम भी शामिल है। पूर्व में वाराणसी से सब्जी और गाजीपुर से हरी मिर्च दुबई भेजे जाने के बाद लगातार बनारसी लंगड़ा आम की डिमांड मिल रही थी। जल्द ही यह आम लंदन भी निर्यात होगा।
जनपद के सांसद एवं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गोद लिए गांव जयापुर की जया सीड्स प्रोड्यूसर कंपनी ने दोनों प्रजाति का यह आम डेढ़-डेढ़ टन मात्रा में दुबई भेजा। लखनऊ में शुक्रवार को इसकी प्रॉसेंसिंग के बाद दिल्ली से दुबई रवाना किया जाएगा। इस मौके पर कमिश्नर श्री अग्रवाल ने कहा कि विदेशों में इसकी मांग लगातार होती रहती है। हाल ही में वाराणसी से सब्जी और गाजीपुर से हरी मिर्च दुबई निर्यात होने के बाद वहां से बनारसी लंगड़ा व दशहरी आम की डिमांड आ रही थी।
उन्होंने कहा कि अब यह पहल होने से वाराणसी के लिए आज का दिन बेहद सुखद और अविस्मरणीय है। जल्द ही दोनों प्रजाति के आम लंदन भी भेजे जाएंगे। दूसरी खेप में दस टन आम भेजने की कवायद है। कमिश्नर ने किसान एवं बगीचे के मालिक चौधरी शार्दुल विक्रम सिंह को बधाई देते हुए बनारस के लिए आम का स्पेशल ब्रांड तैयार करने को कहा। उन्होंने उम्मीद जतायी कि बनारस मैंगो हब बनेगा।
श्री अग्रवाल ने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में बनारस से सब्जी के बाद आम का विदेशों में निर्यात मील का पत्थर साबित होगा। अमरोहा के शहनाज एक्सपोर्ट के जरिये रहमान खेड़ा पैक हाउस से पैकिंग कर यह आम दुबई के लूलू ग्रुप को निर्यात किया गया। जिला उद्यान अधिकारी संदीप कुमार गुप्त ने बताया कि शार्दूल का पंजीकरण एपीडा पोर्टल पर हुआ था। दूसरी ओर, वाणिज्य मंत्रालय में एपीडा के सहायक महाप्रबंधक डॉ. सीबी सिंह निर्यात के लिए जरूरी सुविधाएं विकसित करने के लिए पैक हॉउस आदि सुविधा स्थापित करने पर बल दिया है।
जनपद हो स्थापित हों इंफ्रास्ट्रक्टर : शार्दूल
- आम के किसान एवं बगीचे के मालिक चौधरी शार्दूल विक्रम सिंह ने ‘जनसंदेश टाइम्स’ से बातचीत में कहा कि यदि वाराणसी में आम की प्रॉसेसिंग एवं पैकेजिंग प्लांट आदि इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित हो तो इसके निर्यात में न सिर्फ कम वक्त लगेगा बल्कि अन्य किसान भी प्रोत्साहित होकर बेहतर प्रयास करेंगे। शासन की ओर से होने वाली विभिन्न बायर-सेलर मीट का लाभ मुझे मिला। आगामी दो सप्ताह के भीतर बनारसी लंगड़ा और दशहरी आम लंदन भेजने की तैयारी है। श्री सिंह के 45 हे. क्षेत्रफल में स्थित आम के बाग में चौसा, रामखेड़ा, लंगड़ा, दशहरी एवं सफेदा आदि प्रजाति के 525 आम के पेड़ हैं।