ऑनलाइन शिक्षा से बच्चों का नहीं हो सकता चातुर्विद्य विकास
डा. संध्या ओझा
वाराणसी। जब कोविड-19 के संक्रमण का खतरा बढ़ा है, तब से ऑनलाइन शिक्षा की बहार आ गई हैं। इसमें यदि आपके पास कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल हो और इंटरनेट की सुविधा हो तो आप देश दुनिया के किसी कोने से कोई भी जानकारी तुरंत प्राप्त कर सकते है। आज लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई का चलन तेजी से बढ़ा है। बैठे-बैठे विद्यार्थियों को सभी विषयों की पूरी जानकारी मिल जाती है और उनके समय की भी बचत होती है।
आजकल तो ऑनलाइन शिक्षण की होड़ सी लगी है। इसका फायदा कितने बच्चों को मिल पा रहा है, यह एक विचारणीय विषय है। जहां हमारे देश की आबादी लगभग सवा सौ करोड़ है। गांव में अभी इंटरनेट और पढ़ाई की अच्छी सुविधा उपलब्ध नही है। वहीं दूसरी तरफ हम चाहते हैं कि स्कूल चलो, सभी बढ़े सभी पढ़े, इस उद्देश्य की पूर्ति हो। अगर ऑनलाइन क्लास चल रही है तो यह कहना कि सभी बच्चे क्लास कर रहे हैं। कहां तक सही है? क्योंकि सबके यहां इंटरनेट सुविधा हो भी तो वह सही ढ़ंग से चल चल रही हो यह जरूरी नही!
ऑनलाइन क्लास के कई फायदे हैं तो कई नुकसान भी है....बहुत सी ऐसी बाते हैं जो विद्यार्थी स्कूल, कॉलेज और संस्था के परिवेश से और गुरु के मार्गदर्शन में ही सीख सकता है। आखिर क्या कारण थे कि प्राचीन काल में अयोध्या नरेश महाराज दशरथ को अपने पुत्रों को गुरु विश्वामित्र के यहाँ वन में विद्याध्ययन के लिए भेजना पड़ा? भीष्म पितामह को विश्वामित्र के यहाँ और पांडवो तथा दुर्याेधन को भी विद्याध्ययन के लिए गुरुकुल जाना पड़ा। न जाने कितने उदाहरण भरे है, जहां विद्यार्थियों को गुरु के सानिध्य के बिना कुछ भी हासिल नही हुआ। गुरु विद्यार्थियों के रोल मॉडल हुआ करते हैं।
ना जाने कितनी बाते ये अपने गुरु के हाव भाव, आचार-विचार से भी सीखते हैं। गुरु मार्गदर्शन ही नही करता, उनके अंदर आत्मविश्वास, सुरक्षा की भावना, सहयोग तथा नैतिकता की भावना का विकास होने में मदद भी करता है। गुरु-शिष्य सम्बन्ध की शिक्षा विद्यार्थी का चातुर्विद्य विकास करती है। शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और शैक्षिक। जहां तक ऑनलाइन शिक्षा की बात है, वक्त और परिस्थिति के साथ इसका उपयोग किया जाय तो ठीक अन्यथा इससे संस्कारविहिन और कई तरह की विषमता शिक्षा के क्षेत्र में उत्पन्न होने की आशंका है।
डॉ. संध्या ओझा
प्रोफेसर एवं करियर काउंसलर ,मनोविज्ञान विभाग ,श्री अग्रसेन कन्या पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज ,वाराणसी