जब गरीब बाप की बेबसी देख डीएम बन गये मुंशी, कैंसर से पीड़ित बच्चे के लिए मदद मांगने गया था पिता 



जनसंदेश न्यूज़
मीरजापुर। कैंसर और पीलिया रोग से ग्रसित युवा बेटे के गरीब बाप की बेबसी देख जिलाधिकारी इस कदर भावुक हुए कि वह मदद की आस में आये फरियादी के लिए मुंशी बन गये। उसकी मंशा के अनुरूप उसकी मदद करने के लिए उन्होंने उसके पत्र को सही स्वरुप देते हुए फिर से खुद ही लिखकर दिया और उसे दूसरे कागज पर लिखकर लाने को कहा ताकि उसके बीमार बेटे की मदद हो सकें। 
आम दिनों की तरह जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल अपने कार्यालय में मौजूद थे। इसी बीच हाथ में झोला लेकर एक अधेड़ व्यक्ति उनके कार्यालय में फरियाद लेकर आता है। वह कागज पर टूटी-फूटी शब्दावली में अपने कैंसर पीड़ित बेटे को मदद देने की गुहार लगाया था। उसके पत्र को देख कर केवल कोरा आश्वासन और औपचारिकता निभाने के बजाय जिलाधिकारी उसकी मदद करने के लिए चिंतन में लग गये।  
उसकी बात को गम्भीरता से सुना और पत्र के मजमून को अपर्याप्त देख डीएम ने उसके पत्र पर ही खुद ही कलम सम्भाल कर लिखना आरम्भ कर दिया। अपने व्यथा व्यक्त करते वक्त पीड़ित की आंखों में आंसू देख डीएम मुंशी की तरह उसके पत्र की भाषा को इस कदर दुरूस्त करते रहे कि उसकी कामना पूरी हो और उसके बेटे के इलाज के लिए उसे आवश्यक धन मिल जाये। एक बाप की बेबसी और करुण पुकार से द्रवित जिलाधिकारी ने मजमून को ठीक कर उसे दूसरे कागज पर लिख कर लाने के साथ ही भरपूर सहयोग का आश्वासन दिया। 
नगर के गैबीघाट निवासी मंजूर अहमद फरियाद लेकर डीएम आफिस पहुंचा था। उसने बताया कि तीन पुत्रों में आकिब अंसारी सबसे छोटा हैं। जो कैंसर और पीलिया रोग से ग्रसित है। उसका इलाज वाराणसी बीएचयू से चल रहा है। गरीबी के चलते वह कर्जदार भी बन गया उसके बाद भी इलाज नहीं करा पा रहा है। उसने सरकार से आर्थिक मदद के लिए गुहार लगाई। जिलाधिकारी के अपनत्व भरें आश्वासन को सुनकर नम आंखों को पोछता हुआ मंसूर दिल से दुआ देता हुआ अपने आशियाने के लिए निकल गया।
                          


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