अब मनरेगा से चमकेंगी गोशालाएं, पशुपालन विभाग की गोवंश आश्रय स्थल स्थापना से अलग संचालित होंगे यह कार्य
श्रमिकों की प्रचुर उपलब्धता पर सीडीओ ने विभागीय अफसरों को दिये निर्देश
गोवंश आश्रय स्थल तैयार करने समेत विभिन्न प्रोडक्ट्स बनवाने पर भी है जोर
बनाएंगे चरागाह, पशुओं के लिए खोदेंगे तालाब, पौधरोपण संग अन्य कई पहल
जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। जनपद में जॉब कार्डधारकों और अन्य जिले व राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों को अधिक से अधिक रोजगार देने के लिए मनरेगा के जरिये कई स्तर पर कार्य उपलब्ध कराने का खाका खींचा गया है। जिसके तहत चरागाह का समतलीकरण, गोवंश आश्रय स्थलों का निर्माण, पौधरोपण और पशुओं के लिए तालाब आदि खोदने के कार्य कराए जाएंगे।
मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने इस बारे में वनाधिकारी, उपायुक्त मनरेगा, डीडी कृषि, जिला कृषि अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, डीपीआरओ तथा सभी खंड विकास अधिकारियों को आवश्यक पहल करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि निराश्रित गोवंशों को संरक्षित करने के लिए शासन की ओर से संचालित गोआश्रय स्थलों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से विभिन्न कार्य कराए जाएं। इसके लिए मनरेगा, निकायों में जमा निधि, वित्त आयोग व खनिज विकास निधि आदि का उपयोग किया जा सकता है।
सीडीओ श्री हुल्गी ने संबंधित अफसरों से कहा है कि चरागाह कार्य के तहत भूमि समतलीकरण, चारे के लिए घास रोपण, पशुओं के प्रयोग के लिए तालाबों की खोदाई और पोधरोपण वगैरह मनरेगा से कराया जा सकता है। उन्होंने विशेष रूप से कहा है कि गोवंश आश्रय स्थलों के लिए उपलब्ध जमीन के आधार पर प्रत्येक दशा में कोई न कोई स्कीम संचालित हो। वर्तमान में श्रमिकों को प्रचुर उपलब्धता को देखते हुए मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने में ऐसी पहल कारगर होगी।
श्री हुल्गी ने गोवंश आश्रय स्थलों पर शेड, भंडार गृह आदि बनवाने, नेडप या वर्मी कंपोस्ट विधि से जैविक खाद उत्पादन, वन विभाग की नर्सरियां, कृषि विभाग के तहत ऑर्गेनिक फार्म क्लस्टर्स स्थापना और जैविक खेती को बढ़ावा देने वाली योजनाओं को भी मनरेगा से कराने पर बल दिया है। साथ ही स्वयं सहायता समूहों के जरिये विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार करने और प्रोडक्ट्स की बिक्री के निर्देश दिये हैं ताकि अधिक से अधिक रोजगार का सृजन करना संभव हो। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा है कि मनरेगा के अंतर्गत कराए जा रहे कार्यों से अलग पशुपालन विभाग द्वारा गोवंश आश्रय स्थलों के लिए कराए जा रहे कार्यों से इतर यह कार्य कराए जाएंगे।