सूनी पड़ी है भगवान बुद्ध की तपोस्थली, दुनिया के नक्शे में शुमार सारनाथ क्षेत्र में पसरा है सन्नाटा

 


छोटे-मोटे दुकानदार के सामने रोजी-रोटी का बड़ा संकट



सुरोजीत चैटर्जी
वाराणसी। दिनभर चहल-पहल से गुलजार रहने वाली भगवान बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ इन दिनों सूना पड़ा है। दुनिया के नक्शे में प्रमुख पर्यटन स्थलों में शुमार इस क्षेत्र में किसी टूरिस्ट की बात दूर इलाकाई लोग भी सड़कों पर नहीं दिख रहे हैं। क्षेत्र के बौद्ध मंदिर, पार्क और आसपास के इलाकों में सन्नाटा पसरा हुआ है।


आशापुर चौराहे से आगे बढ़ने पर मवइयां होकर सारनाथ जाने वाले मार्ग पर आमलोगों की आवाजाही ठप है। संग्रहालय के बाहर दुकानें बंद हैं। पर्यटन और पुरातत्व विभाग के टिकट काउंटर का भी यही हाल है। पुरातत्व महत्व के खंडहर परिसर में इंट्री रोक दी गयी है। धम्मेक स्तूप और मूलगंध कुटि विहार के बौद्ध मंदिर के गेट पर ताला पड़ा है। बाहर मुख्य मार्ग पर मार्केट की दुकानों के शटर गिरे हुए हैं।


सारनाथ निवासी रमेश कुमार बताते हैं कि भगवान बुद्ध की इस तप:स्थली क्षेत्र में यह स्थिति पहली बार दिख रही है। इस इलाके में रहने वाले कारोबारी रामजी अपने घर की खिड़की से झांकते हुए बोले कोरोना वायरस के संक्रमण ने न सिर्फ जनता की सेहत पर डाका डाल दिया है बल्कि छोटे-मोटे दुकानदारों और कारोबारियों के परिवारों को संकट में डाल दिया है। सारनाथ में ठेले पर शो-पीस और वॉल हैंगिंग बेचकर किसी प्रकार गुजारा करने वाले लोगों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो चुका है।


इस क्षेत्र में रहने वाले संकठा लॉकडाउन की शुरूआत से ही घर में कैद रहने के लिए बाध्य हैं। मकान की खिड़की से देखते हैं कि रोड किसी प्रकार की हलचल हो रही है अथवा नहीं। बोले, आजकल सिर्फ पुलिस-प्रशासन की गाड़ियां और राशन पहुंचाने वाले वाहन ही सारनाथ में दिख रहे हैं। सुबह तय वक्त के लिए दुकानें खुलती हैं तो उस समय ही कुछ चहल-पहल दिखने के बाद क्षेत्र में वीरानी छा जाती है। लॉकडाउन के कारण निकट स्थित महाबोधि इंटर कॉलेज में विद्यार्थियों का आना-जाना भी नहीं हो रहा है। शहर और आसपास के इलाकों में जाकर रोज कमाकर खाने वालों का आवागमन भी बंद है।
इधर, शाम करीब पांच बजे आशापुर चौराहे पर स्थित पुलिस चौकी से बंट रहे राशन को लेने के लिए लोग उमड़ रहे हैं। पहले से सूचिबद्ध लोगों को बोरियों में खाद्यान्न सामग्री वितरित की जा रही है। यह राशन लेने के लिए कई ऐसे परिवार भी जुट रहे हैं जो लिस्ट में शामिल नहीं हैं। राशन बांटते हुए चौकी पर एक पुलिसकर्मी ने बताया कि जरूरतमंदों को ही राशन और भोजन का पैकेट दिया जा रहा है। इसके अलावा प्रतिदिन पके भोजन के लगभग ढाई हजार पैकेट अलग से बांटे जा रहे हैं।


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