पूर्व मंत्री को इस मामले में सात साल की सश्रम कारावास के साथ 2 करोड़ जुर्माने की सजा, वीडियो काफ्रेसिंग द्वारा....
वीडियो काफ्रेसिंग से हुई सुनवाई में ईडी की विशेष अदालत ने सुनाया फैसला
बचाव में उतारे गये 71 गवाह नहीं आये काम
जनसंदेश न्यूज़
झारखंड। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसे पूर्व मंत्री एनोस एक्का को सात साल की सश्रम कारावास के साथ 2 करोड़ जुर्माने की सजा सुनाई गई है। ईडी की विशेष अदालत ने गुरूवार को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से हुई सुनवाई के दौरान पूर्व मंत्री को यह सजा सुनाई। कोर्ट ने इनकी जब्त सम्पत्ति का मालिकाना हक भी केन्द्र सरकार को देने फैसला दिया है। पूर्व मंत्री ने अपने बचाव में 71 गवाहों को पेश किये। इसके बावजूद वें बच नहीं सके। वहीं दूसरी तरफ ईडी ने भी 56 गवाह पेश किये। गुरुवार को ईडी के विशेष जज एके मिश्रा ने यह सजा सुनाई।
बता दें कि पूर्व मंत्री एनोस एक्का पर 20 करोड़ 31 लाख 77 हजार रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। 21 मार्च को अदालत ने एनोस को दोषी करार दिया था। लॉकडाउन के कारण चार बार सजा के एलान की तिथि बढ़ानी पड़ी। ईडी ने अक्टूबर 2009 में एनोस के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। 25 फरवरी 2020 को सीबीआइ के विशेष जज एके मिश्रा की अदालत ने ही सजा सुनाई थी। जिसके बाद एनोस एक्का उनकी पत्नी मेनन एक्का सहित परिवार के पांच सदस्य आय से अधिक संपत्ति मामले में होटवार जेल में सात साल की सजा काट रहे हैं।
ईडी के विशेष लोक अभियोजक एसआर दास ने बताया कि एनोस एक्का को पीएमएलए की धारा 4 के तहत 7 साल की सजा सुनाई गई है। जुर्माना राशि नहीं देने पर उसे एक वर्ष की अतिरिक्त सश्रम कैद की सजा भुगतनी होगी।