पत्रकारों से बातचीत में सीएम योगी बोले, प्रदेश के 37 जिलों में कोरोना के 314 मरीज, 168 तबलीगी जमात के, हमारा काम इन्हीं लोगों ने कठिन बनाया
जनसंदेश न्यूज़
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश के 37 जिलों में कोरोना के मरीज बढ़कर 314 हो गए हैं और इनमें बढ़ोतरी की है तबगीली जमात ने, जिससे संबंधित 168 मरीज हैं। मंगलवार को लखनऊ में मीडिया से बातचीत में कहा कि हम हालात पर नजर बनाए हुए हैं। इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए प्रमुख स्वास्थ्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि लगभग आधा प्रदेश कोरोना संक्रमण से प्रभावित हैं और 22 मरीज इलाज के बाद ठीक होकर घर जा चुके हैं।
सीएम ने पत्रकारों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा, सभी बंधुओं का स्वागत करता हूं। आप जानते ही हैं कि दुनिया महामारी की चपेट में हैं तो हम सब चुप कैसे रह सकते हैं। हम पर भी प्रदेश का जिम्मा है। हम सभी उन्हें सुरिक्षत रखने की जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं। हमारे यशस्वी प्रधान मंत्री मोदी जी की अगुआई में भारत इस लड़ाई को मजबूती से लड़ रहा है। आप सभी जानते हैं कि कोरोना से बचने का एक रास्ता एकांतवास है और इसके लिए जागरुकता फैलाई जा रही है। लेकिन मीडिया इस काम को और बेहतर तरीके से कर सकता है।
हमने पहले यूपी को कंट्रोल कर लिया था लेकिन तबलीगी जमात की लापरवाही ने काम कठिन बना दिया। फिर भी हम हालात पर काबू पा लेंगे। तबलीगी जमात को हमने काबू कर लिया है। ये सभी कोरंटाइन कर लिए गए हैं। हमारे सर्विलांस पर लगभग 62 हजार लोग हैं। पहले एक भी लैब नहीं था लेकिन अब हमारे पास दस टेस्ट लैब हैं। 12000 क्वारंटीन बेड भी तैयार हैं। प्रदेश के सभी 75 जिलों में लेवल टू के हास्पिटल तैयार हो गए हैं। लेवल थ्री के छह हास्पिटल हम बनवा रहे हैं।
प्रमुख सचिव ने बताया कि 6073 नमूने लैब में भेजे गए थे, जिसमें से 5595 मामले नेगेटिव निकले और 314 मामले कोरोना वायरस संक्रमित आए। प्रसाद ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से बहुत सारे लोगों को मानसिक तनाव हो रहा है। ऐसे में तय किया गया है कि उनकी काउंसलिंग की व्यवस्था की जाए।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की हेल्पलाइन 180 0180 5145 पर लगातार चिकित्सकीय सलाह दी जा रही है लेकिन आज से 100 लोगों का एक ऐसा समूह तैयार किया गया है जो मानसिक तनाव के शिकार लोगों की काउंसलिंग कर सकते हैं। हेल्पलाइन नंबर मिलाने पर ऐसे लोगों की बात काउंसलर से कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 10,000 पृथक बेड तैयार हैं। अब इन्हें विस्तारित करने की रणनीति अपनाई गई है, जिसके तहत अस्पताल के बगल किसी लॉज या हॉस्टल को लिया जाएगा और वहां लक्षण विहीन लोगों को रखा जाएगा ताकि गंभीर मरीजों के लिए पृथक बेड को खाली कराया जा सके।