चंदौली की सारी सीमाएं सील, जिलाधिकारी के आदेश के बाद 7 बजे के पहले ही सभी विभाग के कर्मचारियों को......
अन्य जनपदों से आने वाले सभी विभाग के कर्मचारियों को सात बजे से पहले ही बुलाया
रेलवे ने अपने कर्मचारियों को जनपद आवागमन पर लगाया प्रतिबंध
जनसंदेश न्यूज़
डीडीयूनगर/चंदौली। जनपद के सटे विभिन्न जिलों में कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल द्वारा जनपद की सारी सीमाओं को सील करने का आदेश दिया गया है। गुरूवार शाम सात बजे जनपद की सारी सीमाओं को पूरी तरह से सील कर दिया गया। इसके पहले विभिन्न विभाग के कर्मचारियों को सात बजे से पहले ही जनपद में आने का निर्देश दिया गया। जिससे विभागीय कामों को व्यवधान उत्पन्न ना हो।
वहीं दूसरी तरफ डीपीआरओ ब्रम्हचारी दुबे ने पंचायती राज विभाग के कर्मचारी जो रोज वाराणसी या अन्य जगहों से जनपद चंदौली में आकर कार्य करते हैं। उन्हें गुरूवार की शाम सात बजे तक चंदौली आने का निर्देश दिया, जिससे विभागीय कार्य में कोई व्यधान न हो।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए पुलिस अधीक्षक हेमंत कुटियाल ने मंडल रेल प्रबंधक डीडीयू को पत्र लिख कर आग्रह किया है कि जिन जनपदों में कोरोना वायरस संक्रमण फैला हुआ है ड्यूटी पर आने वाले रेल कर्मियों से लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन कराया जाय। जिसके दृष्टिगत डीआरएम के पीआरओ पृथ्वीराज ने कहा कि एसपी चंदौली के पत्र के बाबत उन्हें जानकारी नहीं है लेकिन डीआरएम साहब ने गुरुवार को एक आदेश जारी कर गैर जनपद से रेल कर्मचारियों का आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
बता दें कि वाराणसी मिर्जापुर, गाजीपुर समेत बिहार राज्य के कैमूर व रोहतास जनपद में कई स्थान हॉट स्पॉट घोषित है। आदेश में कहा गया है कि यदि कोई परेशानी आए तो ब्रांच अधिकारी उनसे सीधे संवाद कर सकते हैं।
पड़ाव चौराहे पर आने-जाने वालों की थर्मल स्क्रीनिंग
पड़ाव चौराहे पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये है। जनपद की सीमाओं में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। गुरूवार को थर्मल स्क्रीनिंग के दौरान शरीर का अधिक तापमान होने से भोजपुर निवासी 14 वर्षीय रवि को जांच के लिए चन्दौली अस्पताल भेजा गया। बताया जाता है कि सुबह रवि अपनी मां बागेश्वरी देवी के साथ स्थानीय सब्जी मंडी में खरीदारी के लिए गया था। इस दौरान पड़ाव चौराहे पर आने जाने वाले लोगों का थर्मल स्क्रीनिंग किया जा रहा है। हालांकि जांच करने के पश्चात डॉक्टरों ने किसी से ना मिलने की हिदायत देते हुए उन्हे छोड़ दिया।