वाह...हजार फीट ऊपर गजब की बागवानी, करीब 12 सौ फीट ऊंचाई पर हो रही सफल खेती पूर्वांचल के किसानों को किया मंत्रमुग्ध
आम, अमरूद, मुसम्मी, अनार, नीबू आदि की सैकड़ों एकड़ खेती हो रही ड्रिप सिस्टम से
जनसंदेश न्यूज़
चांदमारी। वाराणसी मंडल के जौनपुर, वाराणसी, चंदौली के किसान में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम को जानने के लिए महाराष्ट्र के जलगांव में पांच दिनी भ्रमण यात्रा पर है। किसानों ने एक हजार दो सौ फीट की ऊंचाई पर आम, अमरूद, अनार, नीबू, मुसम्मी की खेती देख आश्चर्यचकित रह गये। हजारों फीट ऊपर जहां 48 डिग्री तक तपती धूप हो। ऑक्सीजन की कमी के चलते लोगों का दम घुटने लगता है। ऐसे में खेती करना नामुमकिन होता है, परंतु ड्रिप इरिगेशन तकनीकी से वो सब कुछ संभव हो गया, जिसकी कल्पना भी नही की जा सकती थी।
अब उस पहाड़ पर बागवानी की दर्जनों तरह की खेती की जा रही। एक-दो नहीं सैकड़ों एकड़ जमीन पर बेहतर क्वालिटी के फलों को लगाया गया है। सबसे ऊपर चोटी पर नवग्रह वाटिका के साथ खूबसूरत पार्क बनाया गया है। इतना ही नही, वहां जो पहुंच जाता है, आना ही नही चाहता। जल की एक-एक बून्द से टपक एवं मिनी स्प्रिंकलर से हजरों फीट ऊपर हरियाली छाई हुयी है। बारह सौ फीट की ऊंचाई पर फलों की खेती देख हर किसानों के मुख से वाह-वाह अद्भुत निकल ही पड़ा।
वहां के प्रशिक्षक से मेड पर और लाइन से लाइन में पौध लगाने से फायदे को समझा। प्रशिक्षक ने बताया कि लाइन से लाइन मेड पर लगाने से पानी कम लगता है। बताया कि जैसे मनुष्यों को रोज पानी की जरूरत होती है। उसी तरह पेड़ों को भी रोज पानी को जरूरत होती है। टपक विधि से पेड़ों की आवश्यकतानुसार पानी दे सकते हैं। खाद भी कम लगती है। फलों की खेती देख किसान उत्साहित है। इसके बाद किसानों ने टिशू कल्चर के बारे में जानकारी हासिल की। फलों के फूड प्रोसेसिंग को भी नजदीक से देखा।
चंदौली के किसान जियुत यादव, मुकेश चौहान ने कहा कि इससे तो चंदौली के चकिया क्षेत्र के पहाड़ों पर भी प्रयास किया जाय तो वहां पर भी बेहतर खेती संभव हो सकता है। जौनपुर के संजय सिंह एवं राजेश कुमार ने कहा कि ऐसी तकनीकी अवश्य अपनायेंगे। लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र बनाएंगे। सहायक उद्यान निरीक्षक चंदौली सुरेश सिंह के देख-रेख में किसान भ्रमण कर रहे हैं।