काशी की इस पध्दत्ति से कोरोना वायरस होगा खत्म, जानिए क्या.....


असाध्य रोगों को क्रिया योग से ठीक किया जा सकता है-योगी सत्यम जी


कोरोना व डेंगू जैसी बीमारियां भी क्रिया योग से चुटकी में होगी दूर


काशी का क्रिया योग देश भर में हुआ विकसित 


गरीबी, झगड़ा, भूखमरी भी मिटाने में क्रिया योग है सहायक 




जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। क्रिया योग को पूरी दुनिया में स्थान दिलाने वाले परम पूज्य गुरुदेव स्वामी योगी सत्यम जी ने कहा कि वर्तमान में देश भर में जिस कोरोना के भय से ना सिर्फ आम आदमी परेशान है बल्कि अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होने की कगार पर है वह चुटकी में ठीक हो सकता है। कोरोना का इलाज क्रिया योग ही है। ना सिर्फ कोरोना बल्कि डेंगू व असाध्य रोग भी इस क्रिया योग से ठीक किया जा सकता है। 



बुधवार को जनसंदेश कार्यालय पहुंचे परम पूज्य गुरुदेव स्वामी योगी सत्यम जी ने अखबार के कार्य प्रणाली को जानने के बाद जनसंदेश में प्रकाशित होने वाली खबरो की प्रशंसा की। क्रिया योग के बारे में विस्तार से बताते हुए परम पूज्य गुरुदेव स्वामी योगी सत्यम जी ने कहा कि क्रिया योग काशी से ही विकसित हुई है। काशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय क्षेत्र भी है मोदी ने कोरोना को खत्म करने के लिए अभियान चलाने की बात की है। तो काशी से मै भी एक स्वर देता हूँ, कोरोना को खत्म करने का, वह स्वर है क्रिया योग का। आज क्रिया योग ने पूरे विश्व में अपनी पहचान बना ली है इसका लाभ भी लोगों को मिलने लगा है। कनाडा, अमेरिका व भारत में प्रयागराज (इलाहाबाद) में क्रियायोग आश्रम एवं रिसर्च इंस्ट्टियूट के नाम से संचालित हो रहे आश्रम में लोगों का निस्वार्थ भाव से सेवा की जाती है। 



क्रिया योग चलते फिरते किया जा सकता है
परम पूज्य गुरुदेव स्वामी योगी सत्यम जी बताते हैं कि योग के लिए लोगों को समय देना पड़ता है लेकिन क्रिया योग के लिए किसी समय की जरुरत नही पड़ती इसे उठते बैठते चलते फिरते किया जा सकता है। और आसानी से क्रिया योग करने से शरीर स्थिर रहता है और शरीर से सभी वायरस खत्म हो जाते हैं। आज उनके साथ अमेरिका के इंजीनियर के साथ ही माइक्रोसाफ्ट की प्रोग्रामर भी जुड़कर लोगों को क्रिया योग की शिक्षा दे रहीं हैं। 
शाकाहारी रहने का संदेश 
परम पूज्य गुरुदेव स्वामी योगी सत्यम जी ने लोगों को संदेश दिया कि स्वस्थ्य रहने के लिए शाकाहारी रहना चाहिए और भेदभाव की दूरी खत्म होना चाहिए जब हम अपने से प्रेम करने लगेंगे तो किसी भी तरह का वायरस (चाहे वो कोरोना हो या डेंगू का ) शरीर में प्रवेश नही कर सकेगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जब शरीर से पसीना बहने लगे तो आप समझते हैं कि शरीर थक गया और काम करना बंद कर देते हैं लेकिन ऐसा ना करके शरीर व काम से प्रेम करिए तो आप में कोई भी गंदा वायरस प्रवेश नही कर सकता। 
योग का व्यवसायी करण ठीक नही 
अपने संवाद में परम पूज्य गुरुदेव स्वामी योगी सत्यम जी ने कहा कि योग व क्रिया योग में अंतर है योग का व्यवसायी करण हो रहा है। जो आने वाले समय के लिए ठीक नही है। पतंजली में कपाल भांति व अनिलोम-विलोम को कहीं भी नही दर्शाया गया है। लेकिन क्रिया योग को परिभाषित किया गया है। देश भर में खासो आम की ओर से किया जाने वाला योग एक शरीर के फिटनेस का जरिया है जबकि क्रिया योग में जीवन को ऊपर उठाने का रहस्य छिपा है। 
धर्म को व्यापार बनाना निंदनीय
समाज में मठ व आश्रमों की ओर से तथाकथित बाबाओं ने धर्म को जिस प्रकार से व्यापार बना दिया है। वह आने वाले समय के लिए ठीक नही है। इससे देश का ना सिर्फ विकास रुकेगा, बल्कि लोगों को धर्म से विश्वास भी उठने में समय नही लगेगा। 



ज्ञान बटन दबाने से नही बल्कि सेवा से मिलता है 
परम पूज्य गुरुदेव स्वामी योगी सत्यम जी ने कहा कि हम आधुनिकता की ओर भले ही बढ़ रहें हैं। इंटरनेट के माध्यम से आकाश की भी खबर जान जाते हैं, लेकिन इसका दुष्परिणाम भी सामने देखने को मिला है। बच्चों के साथ ही युवा भी इसी आधुनिकता वाले यंत्र से भ्रमित हैं। कहा कि ज्ञान बटन दबाने से नही बल्कि सेवा से ही मिलता है। हमारे सनातनी संस्कृति में गुरुकुल में सेवा करके ही भगवान राम ने भी ज्ञान प्राप्त किया था। 
फिर लौटेगा गो-सेवा का युग 
गो-सेवा पर देश भर में सिर्फ बातें हो रही हैं लेकिन आने वाले दिनों में गो-सेवा फिर लोगों के जेहन में मूल रुप लेगा। क्योंकि इसमें हम सभी का स्वार्थ छिपा है आने वाले समय में गो-सेवा से ही हमारे लिए खाद का विकल्प मिलेगा जो एक बेहतर खेती के लिए आवश्यक है। 
भारत फिर कहलायेगा सोने की चिड़िया वाला देश 
कहा कि आने वाले समय में भारत सभी देशों को पीछे छोड़ देगा और यह अपने पुराने नाम सोने की चिड़ीया के नाम से जाना जायेगा। क्योंकि बढ़िया काम करने वालों के पीछे लोग स्वयं आते हैं। 
क्रिया योग को जानने में लोगों को हुई देरी 
क्रिया योग को समाज में स्थापित करने के लिए परम पूज्य गुरुदेव स्वामी योगी सत्यम जी को लगातार विरोध का सामना भी करना पड़ा। इसके चलते नौ पीआईएल व लगभग 23 मुकदमे भी देखने को मिला, लेकिन बाद में जज ने भी क्रिया योग को स्वीकारते हुए इसके महत्व को जाना। 
क्रिया योग पर लिखी किताबें 
परम पूज्य गुरुदेव स्वामी योगी सत्यम जी ने क्रिया योग के प्रति लोगों में जागरुकता लाने के उद्ेश्य से कई किताबें लिखी जो आज लोगों के बीच लोकप्रिय हो रही हैं। 


 


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