कोर्ट ने लगाई फटकार, कहा काराएं कलमबंद बयान
रवि प्रकाश सिंह
वाराणसी। प्रभारी अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (नवम) की अदालत ने छेड़खानी व अन्य धाराओं में दर्ज मामले में पीड़िता का कलमबंद बयान नहीं कराने पर सख्त टिप्पणी की है। अदालत ने कहा रामनगर थाने में दर्ज मामले में पीड़िता के कलमबंद बयान दर्ज कराने के बाबत 10 अगस्त 2019 को आख्या तलब की गई थी। इसके छह दिन बाद ही विवेचक ने छेड़खानी की धारा हटाते हुए आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया। इसपर पीड़िता के अधिवक्ता राहुल श्रीवास्तव ने आपत्ति कोर्ट में जताई।
अदालत ने कहा ऐसे मामलों में कलमबंद बयान का स्पष्ट प्रावधान है। इसके बावजूद विवेचक ने कलमबंद बयान न कराकर आरोपपत्र दाखिल कर दिया। अदालत ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि विवेचक अजय प्रताप सिंह को विधिक प्रावधानों की जिम्मेदारी नही है। इस मामले की अग्रिम विवेचना कराया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है। अदालत ने एसएसपी को निर्देशित किया कि विवेचक के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही कर 15 दिन में आख्या कोर्ट में प्रस्तुत करने के साथ नियमानुसार कार्यवाही करें, आदेश की प्रति डीजीपी को भेजने का कोर्ट ने आदेश दिया है।