एडवोकेट ऑन रोल से अधिवक्ताओं में आक्रोश, सुलग रही विरोध की चिंगारी
अधिवक्ता चाहते हैं बॉर कॉसिल के परिचय पत्र पर अधिवक्ताओं को मिले कचहरी में प्रवेश
बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा, सुरक्षा के नाम पर वकीलों का उत्पीड़न बर्दास्त नहीं
जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। बनारस की कचहरी में एडवोकेट ऑन रोल लगाने की तैयारी है। इस नई व्यवस्था से बनारस कचहरी में काम करने वाले सभी अधिवक्ताओं का पूरा विवरण यहां की न्यायालय में होगा। वहीं मंशा है कि धीरे-धीरे पूरी व्यवस्था यहां की न्यायालय के हिसाब से हो जाए। इसमें अधिवक्ताओं के प्रवेश से लेकर निकास तक की व्यवस्था भी शामिल होगी।
न्यायालय के अधिकारियों का मानना है कि किसी वकील के खिलाफ कोई मामला आता है तो उसका रिकार्ड बॉर कॉसिल से मंगाना पड़ता है। एडवोकेट ऑन रोल लागू हो जाने से बॉर कॉसिल से जुड़े सभी वकीलों का विवरण यहां की न्यायालय में यानि सीजेएम के पास हो जाएगा। उधर, नई व्यवस्था के तहत अब कचहरी में वादकारियों व वकीलों के प्रवेश को लेकर नई व्यवस्था बनाई जा रही है। इसके तहत गेट नम्बर दो व चार से ही केवल वादकारियों का प्रवेश होगा। वहीं गेट नम्बर एक से न्यायिक अधिकारी व कर्मी प्रवेश करेंगे। गेट नम्बर तीन व पांच से ही केवल अधिवक्ता प्रवेश कर पाएंगे। इस नई व्यवस्था को शुक्रवार को प्रभावी भी कर दिया गया। गेट नम्बर तीन से बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश पुलिस ने पूर्णतया रोक दिया जिससे कई वादकारियों को बैरंग लौटकर दूसरे गेट से प्रवेश करना पड़ा।
बेहद ही संकरा है गेट नम्बर चार
कचहरी का गेट नम्बर चार बेहद ही संकरा है। सामान्य दिनों में भी इस गेट से इतनी ज्यादा भीड़ गुजरती है कि लोगों को इंतजार करना पड़ता है। नई व्यवस्था के तहत जब अधिकांश वादकारी इस द्वार से प्रवेश करेंगे तो बेहद ही मुश्किल स्थिति हो जाएगी। शुक्रवार की शाम करीब चार बजे सीजेएम रणविजय सिंह व दी सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेमशंकर पांडेय व उपाध्यक्ष सुनील मिश्रा के अलावा कैंट थानेदार अश्विनी चतुर्वेदी के साथ मौके पर पहुंचे और गेट को चौड़ा करने पर मंथन किया। हालांकि बाद में वह लोग किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके।
विरोध के उठे सुर
कचहरी के पांचों गेट से प्रवेश के लिए अलग-अलग व्यवस्था होने से अधिवक्ताओं में विरोध के सुर उठने लगे हैं। दी सेंट्रल बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इसको लेकर ऐतराज जताया है। उपाध्यक्ष सुनील मिश्रा का कहना था कि सुरक्षा के नाम पर वकीलों का उत्पीड़न हुआ तो चुप नहीं बैठेंगे।
सीजेएम की पड़ताल में व्यवस्था की खुली पोल
गेट नम्बर तीन का डोर फेम मेटल डिटेक्टर रहा बंद
वाराणसी। लखनऊ कचहरी में हुए बवाल के बाद सीजेएम रणविजय सिंह अपने अधीनस्तों के साथ कचहरी का निरीक्षण किए। इस दौरान उन्होंने हर गेट की सुरक्षा व्यवस्था चेक की। सीजेएम की पड़ताल में अधिकांश गेट पर मेटल डिटेक्टर की व्यवस्था धड़ाम मिली। गेट नम्बर चार पर डोर-फेम मेटल डिटेक्टर नहीं मिला। वहीं गेट नम्बर तीन पर लगा डोर-फेम मेटल डिटेक्टर बंद मिला। पूछने पर पता चला कि कभी भी चलता नहीं है। वहीं गेट नम्बर एक व दो पर पुलिस का पहरा तो रहा लेकिन सुरक्षा उपकरण नहीं था। गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों के पास मेटल डिटेक्टर तो थे लेकिन सभी अपनी सीट पर बैठे मिले। वह उसका प्रयोग चेक करने में नहीं ले रहे थे। वकील व वादकारी अपने हिसाब से आ व जा रहे थे।