चंदौली की ब्लैक राइस और बांदा के शजर स्टोन के बेहतर प्रमोशन की हो रही कोशिश, यूपीआईडी अध्यक्ष ने बताया


बांदा की नदी का पत्थर शिल्प बना रहे बेहतर


ब्लाक राइस की अच्छी पैकेजिंग पर दे रहे जोर

जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। यूपी में बीते तीन साल से संचालित एक जिला-एक उत्पाद योजना में सूबे के प्रत्येक जनपद के विशिष्ट प्रोडक्ट में से फिलहाल 30 उत्पादों को प्रोत्साहन दे रहे हैं। उनमें बांदा का शजर स्टोन और चंदौली के ब्लैक राइस को बेहतर ढंग से प्रोत्साहित करने की कवायद चल रही है। ताकि इन दोनों प्रोडक्ट का बेहतर ढंग से प्रमोशन करना संभव हो। 
उत्तर प्रदेश डिजाइन संस्थान (यूपीआईडी) की अध्यक्ष क्षिप्रा शुक्ला ने रविवार को बड़ालालपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल में आयोजित ‘काशी एक-रूप अनेक’ प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह के बाद मीडिया से एक संक्षिप्त बातचीत में यह कहा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) के अंतर्गत बांदा का शजर स्टोन और चंदौली के ब्लैक राइस को बढ़ावा देने में कुछ दिक्कतें आ रही हैं। शजर स्टोन बांदा की नदी के अंदर स्थित पत्थर से निकलता है। इस बारे में फिलहाल अधिक लोगों को जानकारी नहीं हैं। 
उन्होंने बताया कि शजर स्टोन की विशेषता यह है कि उस पत्थर को स्लाइस की तरह काटने पर निकलने वाला स्टोन प्राकृतिक रूप से किसी पेड़-पौधे की पत्ती के आकृति में निकलते हैं। उसे पत्ती का आकार देने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इस प्रोडक्ट में सुधार के प्रयास चल रहे हैं। दूसरी ओर, चंदौली की ब्लैक राइस सेहत के लिए बहुत ही उपयोगी है लेकिन उसकी पैकेजिंग में सुधार कर उसे सुंदर रूप में पेश करने की आवश्यकता है।


 


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