21 साल पहले अपहरण कर जबरन की थी शादी, इंतकाम की आग में जल रही पत्नी ने भाई के साथ मिलकर कर दी हत्या, पढ़िए यह सनसनीखेज वारदात
जनसंदेश न्यूज़
मीरजापुर। इंतकाम की आग की कहानी आपने फिल्मों में अभी तक देखा होगा, लेकिन एक इंतकाम की कहानी जिले में देखने को मिला। जहां 21 साल बाद साले ने अपने ही बहनोई को परिवार की बर्बादी का कारण बताते हुए निर्मम हत्या कर दिया। विंध्याचल थाना क्षेत्र के गोसाईपुरवा में चार फरवरी को निर्माणाधीन मकान में कालीन व्यवसाई प्रमोद सिंह उम्र 40 वर्ष की ईंट से कुंचकर हत्या कर दिया गया था। इस हत्या मामले का खुलासा रविवार को पुलिस ने किया। पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए आरोपी साला अम्बरीष सिंह निवासी बेलवांडांडी थाना सहजनवां गोरखपुर व पत्नी कंचनलता सिंह निवासी गोसाईपुरवा थाना विंध्याचल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
हत्या का खुलासा करते हुए एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि 21 वर्ष बाद मृतक के साले ने अपने बहनोई को परिवार की बर्बादी का कारण बताते हुए हत्या कर दिया। एसपी ने बताया कि 27 जून 1997 में मृतक प्रमोद सिंह गोंड अपने ही गांव की रहने वाली कंचनलता सिंह का अपहरण कर जबरन शादी कर लिया था। इस अपहरण के बाद अंबरीष के घर की प्रतिष्ठा चली गई। घटना के बाद गोरखपुर के महिला थाना पर गुमसुदगी का मुकदमा भी पंजीकृत किया गया था। कंचनलता का अपहरण करने के बाद मृतक प्रमोद सिंह कुछ दिन इधर उधर रहा, जिसके बाद जिले में आकर रहने लगे।
इसी बीच पत्नी कंचनलता को पढ़ने की इच्छा हुई तो अपने परिचित सुरेश दुबे निवासी मंझनपुर कौसांबी के माध्यम से उसी जनपद के एक इंटर व डिग्री कॉलेज में एडमिशन कराया। जहां कंचनलता ने इंटर व बीए की पढ़ाई पूरी किया। 2010 में कंचनलता का कौशाम्बी में प्लाटून कमांडर में भर्ती हुई, वहीं कंचनलता वही रहने लगी। मृतक की पत्नी कंचनलता भय बस 21 वर्ष तक अपने मायके वालों से संपर्क नही किया।
जिसके बाद डेढ़ वर्ष पूर्व कंचनलता ने मंझनपुर निवासी सुरेश के माध्यम से अपने बहन शशिकिरन कि संपर्क में आई। जिसके बाद कंचनलता मायके गयी थी। इसके बाद से ही अम्बरीष सिंह बहन कंचनलता से प्रमोद का पता पूछता था। इसी योजना के अनुसार 2 फरवरी को मृतक दिल्ली से मंझनपुर आया। जिसके बाद बहन को भरोसे में लेकर विंध्याचल आया। वहीं 3 फरवरी की रात में 11 बजे प्रमोद की ईंट से सिर कुचने के बाद गला कसकर हत्या कर दिया। हत्या के बाद दोनों फरार हो गए। मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने आरोपी बहन व भाई को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया, वहीं हत्या में प्रयुक्त ईंट व बाइक बरामद कर लिया। एसपी ने गिरफ्तार करने वाली टीम को ने 25 हजार का इनाम दिया।
अम्बरीष के भाई की हुई थी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
हत्या का आरोपी अम्बरीष सबसे छोटा था। इससे बड़ी एक बहन शशिकिरन व भाई धर्मवीर सिंह था, उसके बाद किरन थी। बहन के अपहरण के बाद अम्बरीष का बड़ा भाई धर्मवीर बहन कंचनलता की तलाश में ट्रेन से कानपुर जा रहा था। जिसके बाद रास्ते में ही ट्रेन से गिरकर संदिग्ध परिस्थितियों में धर्मवीर की मौत हो गयी थी। इस मौत के बाद धर्मवीर के परिजनों ने प्रमोद के परिजन पर हत्या का आरोप लगाया। जिसके बाद से ही अम्बरीष प्रमोद को परिवार की बर्बादी का कारण बता रहा था।
प्रमोद की भाई की भी हुई थी हत्या
कंचनलता का अपहरण के बाद अम्बरीष के परिवार की प्रतिष्ठा जाने के प्रतिशोध को लेकर सन 2001 में अम्बरीष अपने पिता सोहरत सिंह, चाचा जगरनाथ सिंह व चाची उर्मिला के साथ मिलकर प्रमोद के भाई नीलकमल गोंड की हत्या कर दिया था। इस हत्या प्रकरण में गोरखपुर के गीडा थाना पर हत्या का मुकदमा भी पंजीकृत है। इस हत्या प्रकरण में मृतक के चाचा व पिता को आजीवन कारावास हो चुका है। वहीं हत्या के समय अम्बरीष नाबालिग था, इसलिए उसका मुकदमा विचारधीन है। वहीं जमानत पर बाहर चल रहा था, जहां दिल्ली में रहकर मोटर पार्ट का काम करता था।
अक्सर होता था प्रमोद व कंचनलता का झगड़ा
मृतक की पत्नी कंचनलता ने बताया कि वो 2010 से कौशाम्बी में होमगार्ड के पद पर तैनात है। मृतक की पत्नी व प्रमोद का आपस मे बनता नही था, वही प्रमोद मारता पिटता था, वहीं पत्नी व बच्चों से कोई मतलब नही था। जिसके बाद दोनों में दूरियां बढ़ गयी। मृतक की एक लड़की व एक लड़का है। लड़की आकृति अमेठी से पॉलिटेक्निक कर रही है, वहीं लड़का स्वयं सिंह राजस्थान इंटर कॉलेज से 12 वीं कर रहा है, वहीं दिल्ली में रहकर प्राइवेट काम करता है।
हत्या के बाद अगले दिन सुरेश के साथ आयी थी मृतक की पत्नी
प्रमोद की हत्या की खबर के बाद अगले दिन कंचनलता अपने भाई के साथ नही आई थी। हत्या के समय भाई अम्बरीष को चोट लग गया था, वहीं किसी को संदेह न हो इसलिए अपने भाई को ख़लीला बाद भेज दिया, वहीं मझनपुर निवासी सुरेश दूबे के साथ थाने आयी थी। पुलिस द्वारा पत्नी से पूछताछ के दौरान अलग-अलग बात बताने पर पुलिस को संदेह हुआ, जिसके बाद कड़ी पूछताछ में इस पूरे मामले से पर्दा उठ गया। हत्या करने से पहले आरोपी साला अम्बरीष ने प्लान के तहत बहन का फ़ोन को सुबह 10 बजे लेकर ऑफ कर दिया था, वहीं रात में जब कारखाना से सारे मज़दूर चले गए तो अंबरीष ने हत्या कर दिया।