उभ्भाकांड के दस अभियुक्तों की जमानत अर्जी खारिज
जनपद की स्पेशल कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत देने से किया इनकार
उभ्भा में गोलीबारी में दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी दो बार गए थे उभ्भा
जनसंदेश न्यूज
सोनभद्र। चर्चित उभ्भा नरसंहार कांड में शामिल दस आरोपियों की जमानत अर्जी जिला स्पेशल कोर्ट से खारिज हो गई है। तीन आरोपियों की दिसंबर में और सात की बुधवार सात जनवरी को जमानत अर्जी रद कर दी गई। अभियुक्त बेल के लिए हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
घोरावल तहसील के उम्भा गांव में बीते 17 जुलाई को भूमि पर कब्जे को लेकर हुए खूनी संघर्ष में गोली लगने से दस आदिवासियों की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि एक ने उपचार के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया था। गोलीबारी में दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। आदिवासियों की हत्या से प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया। कांग्रेस महसचिव प्रियंका गांधी सामेत तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार पर जोरदार हमला बोला था। नेताओं ने मोदी व योगी सरकार पर दलितों व आदिवासियों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच की मांग उठाया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी दो बार उभ्भा गांव गए। इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवारों को मुआयजा, नौकरी व पट्टे पर जमीन का वितरण किया।
प्रदेश सरकार द्वारा गांव में आश्रम पद्धति स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व पुलिस चौकी बनाने का निर्णय लिया गया। पुलिस ने इस मामले में प्रधान यज्ञदत्त भूर्तिया समेत 28 के खिलाफ तहरीर के आधार पर नामजद प्राथमिकी दर्ज किया था लेकिन विवेचना के दौरान 67 लोग आरोपी बनाए गए। हालांकि बाद में एक का नाम चार्जशीट से निकाल दिया गया और एक ने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया। पुलिस शेष 65 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
आरोपियों की तरफ से जिले की स्पेशल कोर्ट में जमानत के लिए अपील की गई लेकिन जज ने दस अभियुक्तों की जमानत अर्जी को रद कर दिया। जिसमें कालू,उत्तम और धर्मेन्द्र की जमान दिसंबर में और छोटेलाल, इनरमन उर्फ नारद, इन्द्रेश, शिवलाल, विनय कुमार, रामनगीना व नागेन्द्र सिंह की जमानत अर्जी बुधवार सात जनवरी को खारिज हुई। बचाव पक्ष की तरफ से बबलू दीक्षित और पीड़ित पक्ष की तरफ से सरकारी अधिवक्ता रामध्यान पांडेय और नित्यानंद द्विवेदी ने बहस किया। जिले की स्पेशल कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद अभियुक्तों के पास जमानत के लिए हाईकोर्ट में अपील करने का रास्ता बचा है।