कृषि में सब्जियों के समावेशन से होगी जल की बचत-सुनील बाबूराव मेंढे
सांसद ने कृषक दल के साथ भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान का किया निरीक्षण
जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी में सांसद सुनील बाबूराव मेंढे, भण्डारा, गोंडिया (महाराष्ट्र) ने मंगलवार को कृषक दल के साथ भ्रमण किया। श्री मेंढे ने प्रक्षेत्र का निरीक्षण किया एवं सब्जियों से संबंधित शोध तकनीकियों की जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ. जगदीश सिंह ने अतिथि श्री मेंढे जी का स्वागत किया।
संबोधन में निदेशक ने बताया कि सब्जियों की खेती से कृषि का विविधिकरण होता है, जिससे किसानों को वर्ष भर आमदनी प्राप्त होती है। कृषि में सब्जियों के समावेशन से जल की भी बचत होती है। गेहूँ, धान, गन्ना एवं केले की खेती में पानी की अधिक आवश्यकता होती है, जबकि सब्जियों की खेती में जल की आवश्यकता कम होती है।
उन्होंने संस्थान के विगत 20 वर्षाे के शोध एवं प्रसार की उपलब्धियों को बताया। संस्थान 42 प्रकार की सब्जियों पर शोध कार्य करते हुये विभिन्न प्रकार सब्जियाँ जैसे- बैंगन, टमाटर, मिर्च, मटर, सेम, कद्दू, पेठा, राजमा, मूली, गाजर आदि की 105 किस्मों को विकसित कर किसानों को उपलब्ध करा रहा है।
कहा कि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित उन्नत तकनीकियों को प्रायोगिक स्तर पर खेत में प्रदर्शित करना चाहिये, जिससे कि किसानों की समस्याओं का समाधान होने के साथ-साथ अधिक फायदा हो सकेगा। किसानों को कम लागत से सब्जी फसलों की उत्पादकता बढ़ानी चाहिये। सब्जियों की खेती की जोत व उत्पादकता को बढ़ाने के लिये रसायनों का सुरक्षित प्रयोग करना चाहिये। जिससे मानव स्वास्थ्य को विषाक्त होने से बचाया जा सके।
कहा कि किसानों को स्थानीय बाजार में सब्जियों के विपणन हेतु समयानुसार सब्जी की माँग का ज्ञान होना चाहिए, जिससे सब्जियों की तुड़ाई उपरांत हानि को कम कर अधिक लाभ प्राप्त कर सकें। सुहास पी. वानी सलाहकार, अन्तर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, आई. सार्क वाराणसी ने सब्जियों द्वारा कृषि विविधीकरण की महत्ता को बताया। उन्होंने सब्जियों के विपणन एवं रसायनों के अवशेष प्रबंधन पर ध्यान देने की बात कही।
इसी क्रम में अपराह्न में एल. वेंकटराम रेड्डी, निदेशक, उद्यानिकी एवं रेशम कीट पालन (सेरीकल्चर), हैदराबाद, (तेलंगाना) एवं वेणुगोपाल, उपनिेदेशक, उद्यानिकी, वाराणसी ने भी संस्थान का भ्रमण किया। एल. वेंकटराम रेड्डी ने कहा कि यह संस्थान देश भर के किसानों के लिये अखिल भारतीय शोध परियोजना (सब्जी फसल) द्वारा क्षेत्र विशेष हेतु उन्नत तकनीकियों को विकसित कर रहा है। जिससे किसान कम लागत में सब्जी उत्पादन कर अधिक आय प्राप्त कर रहे हैं। इस अवसर पर संस्थान के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक एवं आई सार्क के डॉ. उमा भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नीरज सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. पी. एम. सिंह ने किया।